Monday, December 23

यूपी के स्वास्थ्य महकमे में बीते दिनों हुए ट्रांसफर को लेकर जारी विवाद के बीच सीएम योगी ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉक्टरों के ट्रांसफर मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से दो दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसे लेकर सवाल उठाए थे।

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ : 

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के ट्रांसफर को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादले में कथित गड़बड़ियों का संज्ञान लिया और इस पूरे मामले में 2 दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है। स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अपर मुख्य सचिव (होम) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी को रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा दिया है

बताया जा रहा है कि अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी को पूरे मामले में विवरण तैयार कर 2 दिनो में रिपोर्ट देनी है। बता दें कि पिछले दिनों सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रिजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में हुए डॉक्टरों के ट्रांसफर को लेकर पत्र लिखकर सवाल उठाए थे और कहा था कि उनकी जानकारी के बगैर यह सब हो गया। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि इसमें ताबदले नीति की अनदेखी की गई।

दरअसल जानकारी के अनुसार, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक की जानकारी के बिना डॉक्टरों के एक तबादले का आदेश जारी कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इन तबादलों की लिस्ट जारी करवा दी थी। वहीं डॉक्टरों के तबादले की वजह से कई जिलों के अस्पताल में डॉक्टरों की किल्लत शुरू हो गई है।
मामले पर उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को चिट्ठी लिखा कि, “मेरी जानकारी में आया है कि मौजूदा सत्र में जो भी तबादला हुआ है, उसमें तबादला नीति का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है, इस प्रकार उन सभी का पूर्ण विवरण प्रदान करें जिनका स्थानांतरण उनके स्थानांतरण के कारणों के साथ किया गया है।”

इतना ही नहीं डिप्टी CM बृजेश पाठक कहा कि, “मुझे बताया गया है कि लखनऊ समेत जिन जिलों में बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है वहां उनका तबादला कर दिया गया है, लेकिन उनके स्थान पर कोई विकल्प नियुक्त नहीं किया गया है, लखनऊ राज्य की राजधानी है यहां पहले से ही विशिष्ट डॉक्टरों की कमी है और गंभीर हालत में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों से भी लखनऊ रेफर किया जाता है।”

बता दें कि इससे पहले अलीगंज स्थित राज्य स्वास्थ्य संस्थान में तैनात 14 डॉक्टरों के मामले को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। मामले पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से पूरी आंख्या भी मांगी थी।