पंचांग, 11 जुलाई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज प्रदोष व्रत है। ‘प्रदोष में दोष’ यही था कि चंद्र क्षय रोग से पीड़ित होकर मृत्युतुल्य कष्टों को भोग रहे थे। ‘प्रदोष व्रत’ इसलिए भी किया जाता है कि भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें पुन:जीवन प्रदान किया अत: हमें उस शिव की आराधना करनी चाहिए जिन्होंने मृत्यु को पहुंचे हुए चंद्र को मस्तक पर धारण किया था।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः आषाढ़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी प्रातः 11.14 तक है,
वारः सोमवार,
नक्षत्रः अनुराधा सांय 07.50 तक है,
योगः शुक्ल रात्रि 09.01 तक।
विशेषः आज सोमवार दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
करणः बालव,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.35, सूर्यास्तः 07.18 बजे।