मंत्री रामलाल जाट ने बताई ‘निकम्मा’ शब्द की डेफिनेशन, जानिए क्या है इसकी वजह

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा निक्कमा कहने पर मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि जितनी मेरी उम्र है उतनी अशोक गहलोत की राजनीति है। राजस्थान में निक्कमा शब्द के कई अर्थ हैं वो जो कहते हैं उसके अपने मायने हैं। निकम्मा शब्द के मायने समझाते हुए रामलाल जाट ने कहा कि काम नहीं करने वाले को भी निकम्मा कहते हैं। बच्चा काम नहीं करता उसे निकम्मा कहते हैं.कोई ओछी बात करता है तो उसे भी निकम्मा कहते हैं।

जयपुर(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, जयपुर : 

राजस्थान की सियासत में एक बार फिर निकम्मा शब्द की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है। निकम्मे शब्द ने इन दिनों फिर से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा रखा है। इसी बीच आज राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने निकम्मा की डेफिनेशन बताई। उन्होंने कहा कि काम नहीं करने वाले को निकम्मा कहते हैं। बच्चा काम नहीं करता उसे निकम्मा कहते हैं, कोई ओछी बात करता है उसे निकम्मा कहते हैं। उन्होंने यह डेफिनेशन आज पीसीसी में जनसुवाई के दौरान दी।

उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा बताया था। गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी के कैसे मंत्री है जो उनकी बात ही नहीं सुन पाते हैं। गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी ने जनसभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने का वादा किया था। लेकिन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इनकार कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने इससे पर पहले सचिन पायलट के लिए निकम्मा शब्द को इस्तेमाल किया था। साल 2020 में पायलट कैंप की बगावत के समय सीएम गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा कहा था। हालांकि, सचिन पायलट ने पलटवार नहीं किया। लेकिन हाल ही में मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि सीएम गहलोत की बातों का वह बुरा नहीं मानते हैं। गहलोत बुजुर्ग नेता है। उनका सम्मान करते हैं। जबकि शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि निकम्मा शब्द गहलोत को मुबाकर हो। 

कांग्रेस की जनसुनवाई कार्यक्रम में मौजूद पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी ने मंत्री रामलाल जाट के बयान पर असहमति जताई। सोलंकी ने कहा कि राजनीति में शब्दों का सही ढंग से चयन करना चाहिए। मैं मंत्री रामलाल जाट से सहमत नहीं हूं। सोलंकी ने साफ तौर पर मुख्यमंत्री के निकम्मा शब्द इस्तेमाल करने को गलत बताया है। विधायक सोलंकी पायलट कैंप के माने जाते हैं। गहलोत के खिलाफ बगावत के समय सोलंकी सचिन पायलट के साथ थे।