अमरिंदर सिंह इस समय पीठ की सर्जरी के लिए लंदन में हैं। भगवा खेमे के सूत्रों के मुताबिक, उनकी पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के भाजपा में विलय की प्रक्रिया तब शुरू होगी जब वह कुछ हफ्ते बाद स्वदेश लौटेंगे। अगर अमरिंदर को उपाध्यक्ष पद के लिए एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाता है, तो उनकी पार्टी के विलय की प्रक्रिया का नेतृत्व उनकी पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रणीत कौर करेंगे। पटियाला के सांसद प्रणीत अभी कांग्रेस में हैं।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ़्रोत, चंडीगढ़ :
कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आ रही है। अगले उपराष्ट्रपति कैप्टन अमरिंदर सिंह हो सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एन.डी.ए. अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार कैप्टन को बना सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद वेंकैया नायडू की जगह कैप्टन अमरिंदर सिंह ले सकते हैं।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अलग पार्टी बनाई थी। इस दौरान सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस का जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में विलय होने जा रहा है। जिक्रयोग्य है कि पंजाब लोक कांग्रेस ने हाल ही में भाजपा के साथ मिलकर पंजाब का विधानसभा चुनाव लड़ा था मगर वह अपने खाते की कोई भी सीट जीतने में नाकाम रही थी।
कैप्टन इलाज के लिए अभी लंदन में हैं। उनकी सर्जरी हुई है। वह इस महीने के दूसरे हफ्ते में पंजाब लौट आएंगे। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। इससे पहले 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे। इसके लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के बाद 19 जुलाई तक नामांकन भरे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक इंगलैंड से लौटने पर अमरेंद्र भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर अपनी पार्टी के भाजपा में विलय का ऐलान करेंगे।
भाजपा कैप्टन के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। खासकर सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए भाजपा हर दांव खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी सिख शख्सियतों से मिल रहे हैं। वहीं, लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश उत्सव भी मनाया जा चुका है।
कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज हैं। शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह वह चर्चित नेता हैं। इसलिए कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर नजर लगाए बैठी है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के चलते सिख भाजपा से नाराज चल रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह 2 बार पंजाब के CM रहे। उनका साढ़े 9 साल का कार्यकाल रहा। पिछले साल चुनाव से 3 महीने पहले कांग्रेस ने उन्हें CM की कुर्सी से हटा दिया। कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई। फिर भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन उनके कैंडिडेट के साथ कैप्टन खुद भी हार गए। भाजपा को भी सिर्फ 2 सीटें मिलीं। हालांकि, इस हार को पंजाब के लोगों की पारंपरिक दलों से बदलाव की इच्छा से जोड़कर देखा जा रहा है।
पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कैप्टन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर कहा कि यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया।