पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज रथयात्रा उत्सव (श्रीजगन्नाथपुरी) भगवान जगन्नाथ की स्मृति में निकाली जाने वाली ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ की दुनिया भर में बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है। गौरतलब है कि हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारका में से एक है जगन्नाथ पुरी। उड़ीसा स्थित जगन्नाथ मंदिर वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है, जो विष्णुदी के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमा स्थापित है। साल भर उनकी पूजा मंदिर के गर्भगृह में होती है। लेकिन आषाढ़ माह में उन्हें तीन विशाल एवं दिव्य रथों में 3 किमी की यात्रा करवाकर गुंडिचा मंदिर लाया जाता है। इन्हें भक्तगण स्वयं खींचते हैं। मान्यता अनुसार भगवान का रथ खींचने वाले भक्त को 100 यज्ञों के समान पुण्य-फल मिलता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः आषाढ़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वितीया दोहपर 01.10 तक है,
वारः शुक्रवार,
नक्षत्रः पुष्य रात्रि 03.56 तक है,
योगः व्यातिपात प्रातः 10.46 तक।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः कर्क,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.31, सूर्यास्तः 07.19 बजे।