Monday, December 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज पंचक प्रातः 6.14 से समाप्त हो रहे हैं।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आषाढ़, 

पक्षः कृष्ण, 

 वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः रेवती की वृद्धि है जो कि गुरूवार को प्रातः 06.14 तक है, 

योगः अतिगण्ड प्रातः 04.52 तक तक है।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः मीन, 

सूर्योदयः 05.28, सूर्योदयः  07.18 बजे। 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,