शिवसेना भी सत्ता में आई तो संयम खो दिया। उसने उसी हिंदुत्व को हल्के में ले लिया जिसके दम पर न केवल बाला साहेब ठाकरे ने हिंदू हृदय सम्राट का गौरव प्राप्त किया बल्कि उद्धव ठाकरे सत्ता की कुर्सी तक पहुंच गए। हिंदुत्व को हल्के में लेना शिवसैनिकों को ही अखरने लगा। सत्ता के आकर्षण ने उन्हें बगावत से तो रोक रखा था, लेकिन अंदर एक बड़वानल हिलोरें ले रहा था। जब उसने सीमा लांघी तो वह तूफान आया जिसने न केवल उद्धव की कुर्सी बहा ले गया बल्कि पार्टी के बीच बड़ी दरार पैदा कर दी। इंतजार है तो शिवसेना के दो फाड़ होने के ऐलान का। बागी गुट के मुखिया एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके खेमे में शिवसेना के 44 विधायक हैं। सोचिए कुल 55 विधायकों में 44 बागी हो गए तो फिर पार्टी का क्या बनेगा?
मुंबई(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई :
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट को खत्म करने के लिए कोशिशें तेज हो गई है। इसी कड़ी में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात हुई. सूत्रों ने बताया कि, इस बैठक में शिवसेना के बागी विधायकों को शांत करने के लिए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद देने के विचार पर चर्चा हुई।
शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने विचार-विमर्श किया कि क्या एकनाथ शिंद को सीएम पद देकर मौजूदा संकट को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा कैबिनेट में बदलाव को लेकर भी चर्चा हुई। उधर एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, कांग्रेस एनसीपी मजबूत हो रहे हैं और शिवसैनिकों और शिवसेना को दबाया जा रहा है। शिवसेना दबी जा रही है. इसलिए पार्टी और शिवसैनिकों को बचाने के लिए इस बेमेल गठबंधन से बाहर होना बहुत जरूरी है। महाराष्ट्र के हित के लिए अभी निर्णय लेना बहुत जरूरी है।
दो दिन से सरकार बचा रहे उद्धव अब अपनी पार्टी बचाने की जुगत में हैं और बागी एकनाथ शिंदे के आगे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। शिंदे को प्रपोजल दिया है कि वे सामने आकर बात करें और शिवसेना विधायक बोलें तो सीएम क्या, पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हैं। इसके बाद पवार ने भी उद्धव को सलाह दी कि संकट टालने के लिए शिंदे को ही मुख्यमंत्री बना दो। हालांकि, संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री तो उद्धव ही रहेंगे।
लेकिन, शिंदे के तेवर आक्रामक ही हैं। वे गठबंधन से बाहर होने की शर्त पर ही अड़े हैं। जब उद्धव ने फेसबुक लाइव पर शिंदे को सामने आकर बात रखने का ऑफर दिया तो शिंदे ने ट्वीट कर जवाब दिया। लिखा- गठबंधन बेमेल है और इसमें शिवसेना कमजोर हो रही है। कांग्रेस-राकांपा मजबूत हो रहे हैं। इस गठबंधन से बाहर आना जरूरी है और महाराष्ट्र के हित में फैसला लेना होगा।
इससे पहले शिंदे चीफ व्हिप पर अपने नेता भरत गोगावले को अपॉइंट कर पार्टी पर दावा ठोक चुके हैं। विधायक दल के नेता के तौर पर 34 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को भेजी है। यानी सरकार और पार्टी दोनों पर हक जता रहे हैं।
इधर, देर शाम करीब साढ़े 8 बजे 2 शिवसेना और 2 निर्दलीय विधायक गुवाहाटी पहुंचे। इनमें गुलाब राव पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गाबित और चंद्रकांत पाटिल शामिल हैं। शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके पास 46 विधायक हैं। 4 नए विधायक पहुंचने के बाद कुल विधायकों की संख्या अभी 39 पहुंच गई है।
- शरद पवार सुप्रिया सुले के साथ उद्धव ठाकरे से मिलने सीएम हाउस वर्षा पहुंचे। एक घंटे तक मीटिंग चली।
- शिवसेना विधायक महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के साथ गुवाहाटी के लिए निकले।
- अब से कुछ देर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फेसबुक के माध्यम से लोगों को संबोधित करेंगे।
- नितिन देशमुख सूरत से नागपुर पहुंचे। पुलिस और अस्पताल कर्मियों पर जोर-जबरदस्ती का आरोप लगाया।
- NCP ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। शरद पवार और सुप्रिया सुले इस मीटिंग में शामिल हो सकती हैं।
शिंदे बागी विधायकों के साथ सूरत से गुवाहाटी पहुंचे हैं। सारे विधायक होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे हैं। होटल के बाहर और अंदर असम पुलिस का पहरा है। CRPF के जवान भी होटल के बाहर मौजूद हैं। मीडिया को भी एक इंच यहां से वहां नहीं होने दिया जा रहा। हर आने-जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
भाजपा फिलहाल भाजपा वेट एंड वाच की स्थिति में है। मुंबई के अलग-अलग इलाकों में बीजेपी नेता मीटिंग कर रहे हैं। एनसीपी की मीटिंग वाईबी चव्हाण हॉल में हुई है। इसमें पार्टी के सभी विधायकों को शरद पवार से संबोधित किया है।
बालासाहब थोराट के बंगले पर कांग्रेस के विधायकों की बैठक हुई है। इसमें कमलनाथ ने सभी विधायकों को संबोधित किया है। शिवसेना ने सभी विधायकों के नाम एक पत्र जारी कर शाम पांच बजे तक सभी को मुंबई आने के लिए कहा है। अगर वे शाम की मीटिंग में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द मानी जाएगी।
4 सबसे बड़े बयान…
- एकनाथ शिंदे बोले- हमारे पास 46 विधायक हैं और ये बढ़ेंगे। आगे की रणनीति हम सभी विधायकों के साथ मिलकर तय करेंगे। शिवसेना तोड़ने का कोई इरादा नहीं। हम किसी दूसरी पार्टी के संपर्क में नहीं हैं।
- संजय राउत बोले- महाराष्ट्र में 2 या 3 दिनों में क्या होगा यह कोई नहीं जानता। भाजपा के समर्थन के बिना शिवसेना के विधायकों का अपहरण नहीं किया जा सकता था।
- कमलनाथ बोले- कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी। मैंने शरद पवार जी से भी बातचीत की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे गठबंधन सरकार को अपना समर्थन जारी रखेंगे। इसके अलावा कोई इरादा नहीं है। मुझे भरोसा है कि शिवसेना के बागी शिवाजी महाराज के राज्य को चोट नहीं पहुंचाएंगे।
- नितिन राउत बोले- कैबिनेट मीटिंग में उद्धव ठाकरे खुश थे। उनके चेहरे पर कोई टेंशन नहीं दिख रही थी। यह संकेत है कि महाराष्ट्र में सरकार खतरे में नहीं है।
जान लीजिए गठबंधन सरकार के अहम समीकरण और सत्ता का गणित
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।
परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।
फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक हैं।