डेमोक्रेटिक फ्रंट, फरीदकोट 20 जून :
खेती विरासत मिशन (केवीएम) पंजाब में जैविक खेती आंदोलन में सबसे आगे रहा है। पिछले 16 वर्षों से, केवीएम ने सुरक्षित भोजन, समग्र स्वास्थ्य और मिलेट्स के पुनरुद्धार के क्षेत्र में विविध परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है।
कार्यक्रम की शुरुआत में कुछ लोगों ने मिनट द्वारा अपनी सेहतयाब होने की आपबीती सुनाई , डॉ राज बहादुर ने कहा कि साइंस एविडेंस बेस्ड होना चाहिए व इस दिशा में काम करते हुए हॉलिस्टिक हेल्थ की तरफ खेती विरासत मिशन को बढ़ना चाहिए ।फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर रूही दुग्ग ने नेचुरल फार्मिंग व मिलेट्स की वकालत करते हुए कहा कि इंडस्ट्री फूड से दूर साधारण जीवन व कुदरती घर के खाने की ओर ध्यान देना चाहिए व दवाओ से बचना चाहिए।
पंजाब राज्य के लिए स्थायी कृषि के वैकल्पिक मॉडल की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, केवीएम अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को सफलता से मनाने के लिए अपनी पहल शुरू कर रहा है।इस अवसर पर जानकारी देते हुए, केवीएम के कार्यकारी निदेशक, उमेंद्र दत्त ने उल्लेख किया कि मिलेट्स की खेती उस समय से बहुत पहले की है जब गेहूं और चावल कुल खेती क्षेत्र के बहुत कम प्रतिशत पर कब्जा करते थे। कोदरा, स्वंक, कंगनी, कुटकी, रागी, बाजरा, ज्वार पंजाब और हरियाणा की प्रचलित फसलें थीं। ‘हरित क्रांति’ ने इन पर्यावरण स्मार्ट फसलों का सफाया कर दिया और उन्हें पानी की अधिकतम आवश्यकता वाली धान के साथ बदल दिया।
उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि धान की खेती पंजाब राज्य के लिए आपदा के अलावा कुछ नहीं लेकर आई है और यह एक वैकल्पिक खेती मॉडल को लागू करने का समय है, और मिलेट्स की खेती उस विकल्प को कैसे प्रदान करती है। एक जलवायु स्मार्ट सूखा मौसम फसल, पंजाब के खरीफ / मानसून के मौसम में मिलेट्स आसानी से बढ़ सकता है। इन फसलों को उगाने के लिए किसी कीटनाशक की आवश्यकता नहीं होती है और इन्हें सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है।
इस पहल के साथ, केवीएम निम्नलिखित तीन श्रेणियों के तहत कार्यक्रम तैयार और निष्पादित करेगा:संलग्न करें, प्रचारित करें और सहयोग करें। इसका ब्योरा देते हुए दत्त ने बताया कि कैसे केवीएम नागरिक समाज के साथ मिलकर लोगों को मिलेट्स के महत्व के बारे में जागरूक करेगा। वे पंजाब की मिलों को खुदरा बाजार में लाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण और प्रचार भी करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के तहत विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के साथ सहयोग का सम्भावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
इस अवसर पर उपस्थित डॉ. खादर वली, जिन्हें भारत के मिलेट्स मैन के रूप में भी जाना जाता है, ने इसे एक चमत्कारी अनाज का नाम दि , जो शरीर को पोषण देने और ठीक करने की क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं। बड़ी मात्रा में फाइबर, खनिज और प्रोटीन से युक्त, ये अनाज पोषण का एक पावरहाउस हैं। डॉ खादर ने विशेष मिलेट्स आहार के बारे में भी बात की जो प्रचलित जीवनशैली रोगों का इलाज और प्रबंधन कर सकता है जैसे की मधुमेह, रक्त शर्करा, उच्च रक्तचाप, हाइपरथायरायडिज्म आदि। डॉ खादर वली दो दिन के पंजाब के दौरे में नागरिकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और किसानों के साथ बातचीत कर हमारे आहार में मिलेट्स को अपनाने का संदेश प्रसारित कर रहे हैं।
उमेन्द्र दत्त ने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि खेती विरासत मिशन का दृढ़ विश्वास है कि इस चमत्कारिक अनाज के पुनरुद्धार से पंजाब की मिट्टी, स्वास्थ्य और जल संकट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
डॉ अमर सिंह आजाद ने कहा कि भोजन ही दवा है, डॉ खादर वाली के मार्गदर्शन में खेती विरासत मिशन पंजाबियों को मिलेट्स को अपना मूल आहार बनाने का वर्षों से प्रयास कर रहा है और इस मिशन में प्रयास किया जा रहा है। सभी देशवासियों को साथ लेकर चलने के लिए बनाया जा रहा है। 21 जून को खडूर साहिब में विशेष मधुमेह रिवर्सल सप्ताह का आयोजन किया जाएगा और इसकी शुरुआत डॉ खादर वली करेंगे, इस सप्ताह भर चलने वाले शिविर में मधुमेह रोगियों के लिए मधुमेह रिवर्सल कार्यक्रम के लिए रेजिडेंशियल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।