सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी शासित केंद्र सरकार के बीच एक राजनीतिक गतिरोध को जन्म दिया और आरोप लगाया कि मामला पूरी तरह से झूठा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार देशभक्त के रूप में बचाव किया और कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि ईडी की जांच के बाद सत्येंद्र जैन निर्दोष निकलेंगे।
- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को झटका
- सीबीआई की विशेष कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
- फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं सत्येंद्र जैन
नयी दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली :
दिल्ली की सीबीआई की विशेष अदालत ने मनी लॉड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जैन को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें जमानत देने के लिए मामले का यह सही चरण नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, ”जमानत याचिका खारिज की जाती है।”
अदालत ने जैन और ईडी की दलीलें सुनने के बाद आदेश 14 जून को सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने जैन को धनशोधन मामले (Money Laundering) में 30 मई को गिरफ्तार किया था। उन्हें धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था। जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जैन को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके पास मौजूद सभी विभाग दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आवंटित कर दिए गए थे। ईडी ने इससे पहले जैन और उनके नियंत्रण वाली कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की अचल सम्पत्ति जब्त की थी।
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने सत्येन्द्र जैन को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें जमानत देने के लिए मामले का यह सही चरण नहीं है। धनशोधन के मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की जांच लगातार जारी है। अभी भी ईडी की छापेमारी चल रही है। अदालत ने कहा कि इसलिए सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज की जाती है। जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जैन को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके पास मौजूद सभी विभाग दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आवंटित कर दिए गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, जैन ने 9 जून 2022 को एक जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर मंगलवार (14 जून, 2022) को सुनवाई करने के बाद स्पेशल जस्टिस गीतांजलि गोयल ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। आज उन्होंने इस पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी पैरवी को वकील एन हरिहरन और भावुक चौहान ने की।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से विशेष अभियोजक एनके मट्टा और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में बताया कि ये मामला करेंसी को लीगलाइज और मनी लॉन्ड्रिंग का है।
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को हवाला लेनदेन के मामले में 30 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में जाँच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। सत्येंद्र जैन फिलहाल ईडी की 14 दिनों की रिमांड पर हैं।