Tuesday, January 14

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज ज्येष्ठ पूर्णिमा तथा वटसवित्री व्रत तथा सन्त कबीर जयंती है।

विक्रमी संवत्ः 2079

 शक संवत्ः 1944

 मासः ज्येष्ठ़

 पक्षः शुक्ल

 तिथिः पूर्णिमा सांयः 05.22 तक है

 वारः मंगलवार

 नक्षत्रः ज्येष्ठा सांय 06.32 तक है

 योगः साध्य प्रातः 09.40 तक

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें

 करणः विष्टि

 राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक

 सूर्य राशिः वृष  चंद्र राशिः वृश्चिक

 सूर्योदयः 05.27  सूर्यास्तः 07.16 बजे।