Tuesday, December 24

चण्डीगढ़ :

आज साहित्य संगम ट्राइसिटी की ओर से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संस्था के अध्यक्ष ‌‌फूलचंद मानव  ने कहा कि सामान्यत: गोष्ठियों में कविगण अपनी कविताएं, ग़ज़ल, गीत सुनाकर चले जाते हैं और लोग सशरीर तो गोष्ठी में होते हैं किंतु मन से कभी मोबाइल में तो कभी कहीं और व्यस्त होते हैं। बेहतर हो कि साहित्यिक गोष्ठियों में किसी कवि या लेखक को पूरे मन से सुना जाए और श्रोतागण उस साहित्य कार से रूबरू होकर उससे सवाल करें उसकी रचनाओं की समीक्षा करें। इससे साहित्यकार को अपनी सीमाएं ज्ञात हो सकती हैं और प्रश्न पूछने वाले भी भीतर से समृद्ध होंगे। गोष्ठी में टेकचंद अत्री, नीना दीप, नवीन नीर,  दीपाली, योगेश्वर कौर, मक्खन सक्सेना, डायमंड शर्मा, एम.एल अरोड़ा और प्रवीण सुधाकर ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर माहौल को साहित्यक उल्लास और आनंद से भर दिया।
अंत में संस्था के उपाध्यक्ष टेक चंद अत्री ने आज की गोष्ठी को सार्थक और स्मरणीय बनाने के लिए सभी उपस्थित श्रोताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।