कुलदीप बिशनोई और हुड्डा में ‘अंतरात्मा’ जंग, कुलदीप हुए कॉंग्रेस से निलंबित
आखिरकार चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों पर हुई वोटिंग की मतगणना शनिवार तड़के तक पूरी हो ही गई। सबसे आखिर में महाराष्ट्र के नतीजे आए। महाराष्ट्र में भाजपा को जहां तीन सीटें मिलीं वहीं शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: एक-एक सीट पर जीत दर्ज की। हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा जहां कि वरिष्ठ नेता अजय माकन को हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा में भाजपा के कृष्ण लाल पंवार तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा ने जीत दर्ज की। राजस्थान की बात करें तो यहां कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं तो भाजपा को एक सीट पर संतोष करना पड़ा।
- कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने बढ़ाई माकन की दिक्कत
- हरियाणा राज्यसभा चुनाव में जारी है सियासी घमासान
- सीएम खट्टर संग कुलदीप की फोटो से टेंशन में कांग्रेस
सारिका तिवारी, राजनीतिक विशेषज्ञ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़:
हरियाणा की दो राज्यसभा सीटों पर बीते कल चुनाव सम्पन्न हो गया और इस चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा| दोनों सीटों में एक पर जहां भाजपा प्रत्याशी कृष्णलाल पंवार जीते तो वहीं दूसरी सीट पर भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा विजयी हुए| बतादें कि, कांग्रेस ने अजय माकन को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था| कार्तिकेय शर्मा अगर न जीतते तो अजय माकन की जीत हो जाती| पर यहां सारा खेल कुलदीप बिश्नोई ने बिगाड़ दिया। कुलदीप बिश्नोई ने अपनी अंतरआत्मा से वोट दिया और माना जाता है कि यह वोट कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में गया। कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की और अपने ही उम्मीदवार को हरवा दिया।
हरियाणा के दिग्गज नेताओं में शुमार और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस आलाकमान से खासा नाराज चल रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह पार्टी की ओर से राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति बताई जा रही है। दरअसल कांग्रेस पार्टी की तरफ से हाल ही में राज्य स्तर पर संगठन में बड़े बदलाव कि गए हैं। इनमें कुमारी शैलजा की जगह पर उदय भान को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। आपको बता दें कि कुलदीप बिश्नोई भी अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल थे। लेकिन हुड्डा विरोधी खेमे का होने की वजह से उन्हें इस पद की कमान नहीं मिली। पार्टी के इसी फैसले के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी पार्टी से खासा बढ़ चली थी।
हरियाणा राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को वोटिंग होनी है। वहीं राज्य में निर्दलीय उम्मीदवारों ने पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है। जिसमें सबसे ज्यादा डर कांग्रेस को सता रहा है। दरअसल पार्टी को डर है कि विधायक क्रॉस वोटिंग न कर दें। जिसको मद्देनजर रखते हुए कांग्रेस ने पार्टी विधायकों की कैप्चरिंग शुरू कर दी है। हरियाणा कांग्रेस के विधायकों को छत्तीसगढ़ में शिफ्ट किया गया है। यहां नया रायपुर स्थित मेफेयर रिसॉर्ट में विधायकों को रुकवाया गया है। लेकिन पार्टी के लिए सबसे बड़ी फजीहत यह है कि 31 में से 28 विधायक ही रायपुर पहुंचे हैं। इसके बाद पार्टी की बेचैनी बढ़ी हुई है कि बाकी तीन विधायक कहां गायब हो गए हैं। इन तीन में कुलदीप बिश्नोई, दूसरी किरण चौधरी और तीसरे चिरंजीव राव हैं।
हरियाणा राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय शर्मा वह चेहरा हैं जिन पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इसके पीछे की वजह बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के बाद भी वोटों का बाकी रह जाना है। ऐसे में कांग्रेस को यह डर है कि कहीं बीजेपी कार्तिकेय को समर्थन न कर दे और साथ ही साथ निर्दलीय और बाकी दलों के वोट से माकन का खेल बिगड़ जाए। दरअसल कार्तिकेय शर्मा एक जमाने में दिग्गज नेता रहे विनोद शर्मा के बेटे होने के साथ साथ एक मीडिया पर्सनालिटी भी है। इसके साथ ही साथ वे कांग्रेस के पुराने नेता रहे कुलदीप शर्मा के दामाद भी हैं।
कुलदीप बिश्नोई की सीएम खट्टर के साथ मुलाकात की तस्वीर सामने आने के बाद हरियाणा कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। कुलदीप बिश्नोई की खट्टर के साथ ये तस्वीर सामने आने से हरियाणा की राजनीतिक सियासत में सरगर्मी तेज हो गई है। दोनों की मुलाकात की यह तस्वीर कथित तौर पर हरियाणा के गुरुग्राम शहर की बताई जा रही है। हालांकि खट्टर से इस बारे में सवाल करने पर उन्होंने इसे साधारण मुलाकात करार दिया है। लेकिन राजनीतिक सूरमाओं की मानें तो इसके अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बिश्नोई हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेंगे? इसके पीछे की वजह विश्नोई का पुराना बीजेपी कनेक्शन भी मानी जा रही है।
कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस भी पूरी जी जान से लगी है। कुलदीप की नाराजगी के बाद कांग्रेस आलाकमान और बिश्नोई के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। लेकिन इसका कोई सार्थक हल निकलता नहीं दिख रहा, जिससे कि यह माना जाए कि कांग्रेस बिश्नोई को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। वहीं पार्टी से नाराजगी के बीच जब भी कुलदीप विश्नोई से इसको लेकर सवाल किये गए तो वे कुछ कहने से बचते नजर आए।
कांग्रेस की मुसीबतें सिर्फ हरियाणा ही नहीं पंजाब और गुजरात में भी देखने को मिली है। यहां उसे पहले ही बड़े झटके लग चुके हैं। जहां पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी का हाथ छोड़ते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी की राह पकड़ ली है। वहीं हार्दिक ने ट्वीट कर यह भी कहा है कि मैं पीएम नरेंद्र भाई मोदी का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा। हालांकि हार्दिक के ऊपर काफी सियासतदानों ने इस बात का आरोप लगाया कि कल तक जिस पार्टी की वे बुराई किया करते थे आज वे उसी को राष्ट्रहित में काम करने वाली बता रहे हैं।