Tuesday, December 24

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज निर्जला एकादशी व्रत है। (स्मार्त्त) इस बार निर्जला एकादशी व्रत 10 जून को रखा जाएगा। हालांकि एकादशी तिथि 10 और 11 जून दोनों दिन है। निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से बाकी सभी एकादशी का पुण्य प्राप्त होता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः दशमी प्रातः 07.27 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः चित्रा रात्रि 03.37 तक है, 

योगः वरीयान रात्रि 23.35 तक। 

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

करणः गर, 

सूर्य राशिः वृष, चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.15 बजे।