कांग्रेस को पंजाब और चंडीगढ़ के बाद हरियाणा में बड़ा झटका लग सकता है
कांग्रेस को पंजाब के बाद हरियाणा में बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है। ये मुलाकात केवल दोनों नेताओं के बीच हुई है, इस दौरान कोई अन्य नेता उपस्थित नहीं था। बीजेपी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अब कुलदीप बिश्नोई को तय करना है कि कांग्रेस में मिल रहीं उपेक्षा के बाद भी वो किसके साथ रहना चाहते हैं। दरअसल, कुलदीप बिश्नोई पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ये नाराजगी अब कांग्रेस पर भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है।
सारिका तिवारी राजनैतिक विशेषज्ञ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला :
राज्य सभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में उथल-पुथल मची हुई हैं। वही सूत्रों के अनुसार हरियाणा के सीएम खट्टर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने मुलाकात की।हालांकि इस मुलाकात को सिर्फ एक विधायक और मुख्यमंत्री के बीच की ही बता रहे है। बीजेपी के मुताबिक बिश्नोई को तय करना है कि वह किस पार्टी में रहना चाहते हैं, क्योंकि कांग्रेस में भी बिश्नोई की उपेक्षा देखी जा रही है।
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान और हरियाणा की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। दोनों ही जगहों पर कांग्रेस की चिंता बढ़ती ही जा रही है। पार्टी को क्रॉस वोटिंग का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को सुरक्षित स्थान पर घेराबंदी कर ली है। इस बीच हरियाणा कांग्रेस के नेता और विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कहा है कि वह किसी के दबाव में आकर वोट नहीं करने जा रहे हैं।
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर 10 जून को होने वाले मतदान से पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। हरियाणा से कांग्रेस के 31 में से 28 विधायक गुरुवार दिल्ली पहुंचे। आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई हाईकमान के बुलावे के बावजूद नहीं आए।
कुलदीप की नाराजगी से बढ़ी चिंताएं
कांग्रेस के पास हरियाणा में 31 विधायक हैं, लेकिन कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी के कारण कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं और इसी कारण पार्टी मीटिंग में नहीं पहुंच रहे। अगर 10 जून को कुलदीप ने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के पक्ष में मतदान नहीं किया तो कांग्रेस के पास महज 30 विधायक रह जाएंगे।
कांग्रेस को आशंका है कि इन 30 में से भी कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे में अजय माकन की जीत कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा, ‘मैं एक मजबूत कांग्रेसी रहा हूं और मैं किसी और से बात नहीं कर रहा हूं। राहुल गांधी से मिलने से पहले कोई फैसला नहीं करूंगा। तब तक मैं कांग्रेस के किसी मंच पर खड़ा नहीं होऊंगा। मैंने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग पर फिलहाल फैसला नहीं किया है। मैं अपनी मर्जी से वोट करूंगा, किसी के दबाव में नहीं।”
हालांकि, बिश्नोई ने रणदीप सुरजेवाला की तारीफ की है। उन्होंने कहा, ”सुरजेवाला बहुत अच्छे राजनेता हैं, ऐसे व्यक्ति का राज्यसभा में होना जरूरी है। मैं राजस्थान के सभी कांग्रेस नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे सब कुछ भूलकर उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें वोट दें।”
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में राज्य सभा की 2 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से अजय माकन को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। हरियाणा में राज्यसभा सीट जीतने कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, लेकिन कार्तिकेय शर्मा की दावेदारी ने पेंच फंसा दिया है।
कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा हरियाणा कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं। गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व ने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया था। उसके बाद सभी लोगों को रायपुर रवाना किया गया। सभी विशेष विमान से देर शाम रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे।
भाजपा के पास 40 व कांग्रेस के पास अपने 31 विधायक हैं। 31 विधायकों के समर्थन से कांग्रेसी प्रत्याशी की जीत तय है, लेकिन कांग्रेस को खतरा क्रॉस वोटिंग से है। ऐसा इसलिए कि कहीं 2016 की तरह की अप्रत्याशित घटना यानी पेनकांड न हो जाए। कोई विधायक अपना वोट रद्द ना करवा ले।
कार्तिकेय के पास भाजपा, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है। हालांकि यह सभी मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं, लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय उलटफेर कर सकते हैं।