कानपुर में हुआ दंगा, बख्शे नहीं जाएंगे हिंसक: योगी आदित्यनाथ

कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई। पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों को अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर करने वाले लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए, बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।अधिकारी ने कहा बताया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था।

  • कानपुर हिंसा मामले में 18 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया
  • जुमे की नमाज के बाद दुकान बंद कराए जाने पर विवाद हुआ
  • दो पक्षों में जमकर ईंट पथराव और फायरिंग हुई

कानपुर(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

यूपी के कानपुर शहर में बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में बाजार बंद कराने को लेकर दो पक्षों में बवाल होने की खबर है। इस दौरान पथराव, गोलीबारी और बमबारी की भी सूचना मिली है। यही नहीं, इस बवाल की वजह से कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है, तो कई लोग भी घायल हुए हैं. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, स्थिति काबू में है। दोषियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

जोहर फैंस एसोसिएशन व अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसका व्यापक असर देखने को मिला था। सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी।

सुबह से ही चमनगंज, मेस्टन रोड बाबू पुरवा, दलेल पुरवा, कर्नलगंज हीरामन पुरवा समेत कई इलाकों में पूर्ण या आँशिक बंदी थी। पुलिस ने मुस्लिमों को किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन जुमे की नमाज के दौरान विभिन्न मस्जिदों से एक संदेश दिया गया कि वो पैगंबर मुहम्मद पर किसी भी तरह की टिप्पणियों क बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं नमाज के बाद कट्टरपंथी सड़क पर उतर आए।

बहरहाल कानपुर के पुलिस कमिश्नर का कहना है कि अब हालात सामान्य हो गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। हालात को कंट्रोल में करने के बाद अब पुलिस ये पता लगाने में जुट गई है कि पत्थरबाजी में कौन लोग शामिल थे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज कानपुर के दौरे पर हैं। इनके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी हैं। अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी राष्ट्रपति कोविंद के गाँव परौंख भी गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग दंगा कराकर राजनीति करना चाहते हैं। अब ऐसा नहीं होने पाएगा। प्रदेश में कोई भी दंगा फैलाने की सोचेगा तो उसे कड़ी कीमत चुकानी होगी। कहा कि अब पूरी तरह कानून का राज चलेगा। वे सीएसए सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है तो दंगा क्यों बर्दाश्त किया जाए। भाजपा की चार महीने की सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ। आगे भी ऐसा ही रहेगा। हर कोई कानून के दायरे में होगा। दंगा भड़काने वालों के लिए सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं, ऐसे लोगों को ढूंढकर सबक सिखाया जाएगा। किसी भी वर्ग, समुदाय के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक की प्रदेश की सरकारों के एजेंडे में गरीब बिल्कुल था नहीं। यही वजह है कि जो भी योजनाएं शुरू की गई वे सिर्फ शिलान्यास तक ही सीमित रह गईं। उन्होेंने कहा कि नरेंद्र से नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) का युग शुरू हुआ है। पूरा देश रामराज्य की परिकल्पना के नए रूप में तैयार हो रहा है। इसमें जनता जनार्दन का सहयोग जरूरी है।  बीते दिनों फैक्ट चेक के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने बीजेपी नेता का एक ट्विस्टेड स्पीच ट्वीट कर ट्रोल्स को उकसाया था। जिसके बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने नूपुर शर्मा को गला काटने की भी धमकी दी थी। हालाँकि, ये मामला यहीं नहीं थमा, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने बीजेपी प्रवक्ता की हत्या करने पर ईनाम रखने लगे। AIMIM (इंकलाब) ने भाजपा नेता नूपुर शर्मा की हत्या पर ₹1 Cr इनाम घोषित कर दिया।

नूपुर शर्मा पर तमाम तरह की हिंसक वारदातों में आरोपित रज़ा एकेडमी ने पहली FIR मुंबई में दर्ज करवाई थी। इसके बाद एक मदरसे के मौलवी ने दूसरा केस मुंबई के ही मुम्ब्रा थाने में दर्ज करवाया था। नूपुर पर तीसरी FIR हैदराबाद के साइबर क्राइम थाने में 31 मई 2022 दर्ज हुई थी। इसके बाद पुणे के कोंढवा थाने में भी उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई गई। इस्लामिक कट्टरपंथियों को भड़काने का काम मोहम्मद जुबैर ने किया था।