प्रशांत किशोर ने कहा, “वैसे कांग्रेस के प्रति मेरा सम्मान बहुत है, लेकिन मौजूदा हालत पार्टी के लिए सही नहीं हैं।” निशाना साधते हुए प्रशांत ने कहा, “कांग्रेस पार्टी एक डूबती हुई नाव है।” प्रशांत ने कहा, “2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव कराया। 2017 में पंजाब चुनाव जीते। जगनमोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का इलेक्शन जीता। फिर अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली चुनाव जीता। 2021 में तमिनाडु और बंगाल इलेक्शन में विजय मिली। 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव हार गए। इसमें हम कांग्रेस के साथ थे।” इतना कहते ही प्रशांत ने हाथ जोड़ा और कहा, “इसके बाद तय कर लिया कि कांग्रेस के साथ काम नहीं करना है।”
- मैं 11 में से 10 चुनाव जीत गया, सिर्फ एक चुनाव में हार गया: प्रशांत किशोर
- प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया
- कांग्रेस सुधरती नहीं है, खुद तो डूबेगी ही, हमको भी डूबो देगी: प्रशांत किशोर
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली/चंडीगढ़ :
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर हल्के अंदाज में निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने चुनाव जीतने का मेरा रिकॉर्ड खराब कर दिया।” सक्रिय राजनीति में जाने का संकेत दे चुके प्रशांत ने यह भी कहा कि अब वे देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ काम नहीं करेंगे। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने सोमवार को बिहार के वैशाली में कहा, “2011 से 2021 यानी 10 सालों तक, मैं 11 चुनावों से जुड़ा रहा और केवल एक चुनाव हार गया जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ था। तब से, मैंने फैसला किया है कि मैं उनके (कांग्रेस) के साथ काम नहीं करूंगा क्योंकि उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है।”
उन्होंने आगे कहा , “कांग्रेस के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उसकी वर्तमान व्यवस्था ऐसी है कि खुद तो डूबेगी ही हमको भी डुबा देगी।” भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों तक, विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके चुनाव रणनीतिकार ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को विजयी बनाने में एक अहम भूमिका निभाने के बाद पेशेवर चुनाव सलाहकार के तौर पर काम बंद करने की घोषणा की थी।
प्रधान मंत्री से मतभेद
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर कोई यंग लड़का है, उसे सरकारी नौकरी मिले तो ठीक है। उसे भी सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। मान लीजिए आप सिंचाई के जानकार हैं या फिर हम पहले पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञ थे। हम तो सरकार में हैं नहीं, लेकिन अगर सरकार मौका दे तो हम दो साल के लिए यहां आकर काम कर सकें। इसी बात को लेकर पीएम मोदी से मेरा मतभेद हो गया।
पीके ने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार मिले। इन्होंने कहा कि आप बिहार में आकर काम कीजिए। इसलिए बिहार विकास मिशन करके एक योजना शुरू की गई थीं। उसमें कुछ यंग युवकों को नौकरी मिली, लेकिन जितना मैं चाहता था, उतना नहीं हुआ। इसके बाद मैं भी यहां से चला गया। 2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव कराया। 2017 में पंजाब का चुनाव जीते। 2019 में जगन मोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का चुनाव जीता। 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली का चुनाव जीते। 2021 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का चुनाव जीते। 2017 में एक चुनाव उत्तर प्रदेश हार गए। इसलिए तय कर लिया कि कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे।
भाजपा से बंगाल में शर्त
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक तरह से बीजेपी से शर्त लग गई थी। हमने कहा था कि बीजेपी ना केवल हारेगी बल्कि 100 के नीचे रोक देंगे। नहीं रोक पाए तो काम छोड़ देंगे। चुनाव परिणाम आया तो 77 पर बीजेपी को रोक दिए। भगवान का आशीर्वाद है। जब मेरी बात सही हो गई तो सोचा कि इस फिल्ड में बहुत हो गया, अब कुछ नया करते हैं।
प्रशांत किशोर जन सुराज यात्रा की शुरुआत करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह के पैतृक निवास पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर जन सुराज यात्रा की शुरुआत की। जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर जमकर हमला किया। प्रशांत किशोर महनार में रघुवंश प्रसाद सिंह के घर पहुंच कर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। प्रशांत किशोर ने यहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी संवाद किया। प्रशांत किशोर छात्र छात्राओं के साथ भी संवाद किया और जन सुराज की सोच से अवगत कराया।
एक अन्य कार्यक्रम में प्रशांत किशोर सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के चैनपुर गांव पहुंचे जहां, दिव्यांग कल्याण संघ के अध्यक्ष जसवीर सिंह से मुलाकात की। प्रशांत किशोर वैशाली के 4 दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को उनके दौरे का पहला दिन रहा। अगले 3 दिन दिन वह अन्य प्रखंडों और गांवों में जा कर समाज में अच्छा कार्य करने वाले लोगों से मुलाकात करेंगे और उनको जन सुराज की सोच से अवगत कराएंगे।