उत्तराखंड में लागू होगी समान नागरिक संहिता, धामी सरकार का बड़ा फैसला

चीन और नेपाल की सीमा से सटे 53483 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले उत्तराखंड का राष्ट्रीय महत्व तो है ही, देवभूमि अपने धार्मिक और आध्यात्मिक स्वरूप के लिए विश्वभर में पहचान रखती है। राष्ट्रीय नदी गंगा के उद्गम स्थल वाले उत्तराखंड में हर साल ही चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत अन्य धार्मिक स्थलों में बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। ऋषि-मुनियों की यह धरती अनादिकाल से ही सामाजिक सद्भाव के साथ-साथ सभी प्राणियों को समान भाव से देखने का संदेश भी विश्व को देती आ रही है। ध्यान-योग के लिए तो सदियों से साधक इस हिमालयी राज्य के लिए रुख करते हैं।

  • 12 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की घोषणा की थी
  • 29 मार्च को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी को लागू करने और इसका ड्राफ्ट बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया।
  • 27 मई को प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञ समिति के गठन की अधिसूचना जारी की।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/उत्तराखंड :

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी अपनी योजनाओं और अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए नए-नए आयाम छू रहे हैं। उन्होंने जो-जो घोषणाएं चुनाव से पहले की थी वो उनको पूरा करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। इन्हीं घोषणाओं में से एक थी समान नागरिक संहिता इस पर पहले ही विवाद हो चूका है लेकिन सीएम धामी ने बिना किसी बात की परवाह किये इसे लागू करने का मन बना लिया है।

 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने चुनावी वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमिटी का गठन किया है।

 विधानसभा चुनावों के दौरान सीएम धामी ने घोषणा की थी कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। इसके बाद राज्य में इतिहास रचते हुए पहली सत्ताधारी पार्टी सत्ता में लौटी थी।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है। कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व कुलपति और एक सामाजिक कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था। सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया।

शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी के आदेश पर समिति के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई। समान नागरिक संहिता के परीक्षण और इसे लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान की। अपर सचिव गृह रिधिम अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

समान नागरिक संहिता के परीक्षण और उसे लागू करने के लिए गठित समिति में न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष बनाया गया है। रंजना देसाई उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रही हैं और जम्मू और कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य बनाया गया है।

विशेषज्ञ समिति उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों का अध्ययन व जांच करेगी। उनमें जरूरी संशोधन पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून, विरासत, गोद लेने और देखभाल और संरक्षता आदि का परीक्षण करेगी।

चुनाव के समय संकल्प पत्र में किए वादे के अनुरूप समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है। देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेष समिति बनाई गई है। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री