हिमाचल कांग्रेस कर रही हाईकमान की नाफरमानी, क्या सही निकलेगी PK की भविष्यवाणी
कांग्रेस हाईकमान ने जंबो कार्यकारिणी गठित की है, लेकिन कई गुटों में बंटी कांग्रेस को एकजुट करने का यह अच्छा प्रयास माना जा रहा है। पार्टी ने चार वर्किंग प्रेसीडेंट के साथ-साथ पदाधिकारियों की लंबी सूची जारी की है। हालांकि पड़ोसी राज्य पंजाब में चार वर्किंग प्रेसीडेंट का फॉर्मूला फेल साबित हुआ है और पंजाब में तीन अध्यक्ष अपनी सीट तक नहीं बचा पाए, लेकिन हिमाचल में यह प्रयोग कितना कारगर साबित होगा, देखते हैं। कांग्रेस पार्टी में एंट्री को लेकर बात नहीं बनने के बाद साइड हो चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि चिंतन शिविर से कांग्रेस का भला नहीं होने वाला। इत्तेफाक देखिए, उदयपुर में चिंतन शिविर संपन्न हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ है और हिमाचल में पीके की बातें सही भी साबित होने लगी हैं। कांग्रेस हाईकमान के फरमान राज्य स्तरीय चिंतन शिविर से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पल्ला झाड़ दिया और अभी तक चिंतन शिविर को लेकर कोई फैसला फाइनल नहीं किया है। यहां ये मामला अभी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और कांग्रेस हाईकमान प्रदेश में पार्टी की जमीनी हकीकत से रूबरू होना चाहती है।
- सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर में कांग्रेस यात्रा के साथ हर जिले में जग जागरण अभियान का भी ऐलान किया है। जन जागरण अभियान 15 जून से शुरू होगा और इसके जरिए महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता को जागरूक किया जाएगा।
- कांग्रेस ने अगले 90 से 180 दिनों में देशभर में ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर सभी रिक्त पदों को भरने की जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।
- संगठन को प्रभावी बनाने के लिए ब्लॉक कांग्रेस के साथ-साथ मंडल कांग्रेस कमेटियों का भी गठन किया जाएगा।
- चिंतन शिविर में हर कांग्रेसी को देश के हर व्यक्ति से संपर्क बनाने को कहा गया है, क्योंकि राहुल गांधी ने खुद माना कि कांग्रेस का आम जन से संपर्क टूट गया है। इन सब बिंदुओं पर राज्य, जिला, ब्लॉक व मंडल स्तर के चिंतन शिविर में चर्चा की जाएगी।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ शिमला :
रणनीतिकार प्रशांत किशोर कह चुके हैं कि कांग्रेस को राष्ट्रीय चिंतन शिविर का कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। उनकी भविष्यवाणी सच होगी या गलत, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में PK की कुछ बातें अभी से सच साबित होती दिख रही हैं।
हिमाचल कांग्रेस कर रही हाईकमान की नाफरमानी, क्या सही निकलेगी PK की भविष्यवाणी
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने निर्देश दिया कि 1 और 2 जून को सभी प्रदेशों में राज्य स्तरीय चिंतन शिविर किए जाए। इनमें उदयपुर में संपन्न तीन दिवसीय चिंतन शिविर में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णयों व घोषणाओं को कार्यान्वित करने के साथ साथ प्रदेश में पार्टी के भावी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की जाए।
राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस हाईकमान ने फरमान सुनाया था कि सभी राज्यों में पार्टी के राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित होंगे। ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी का फैसला है कि आगामी 1 और 2 जून को सभी प्रदेशों में राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित हों। इसमें उयदपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले और घोषणाओं के क्रियांवयन और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों पर चर्चा शामिल है। आदेश के मुताबिक, राज्य स्तरीय चिंतन शिविर में राज्य कार्यकारिणी के अलावा प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, कांग्रेस विधायक और जिला अध्यक्षों की उपस्थिति जरूरी है।
उधर, एआईसीसी के फैसले से उलट हिमाचल पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह ने एक और दो जून को जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक सुनिश्चित की है लेकिन, राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित होगी या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ताधारी भाजपा चुनाव में बंपर जीत को लेकर आश्वस्त है उधर, कांग्रेस उपचुनाव में मिली शानदार जीत के बाद भाजपा को पटखनी देने का दावा कर रही है। जबकि तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।