चण्डीगढ़ : बंगिया सांस्कृतिक सम्मिलनी ने विद्रोही कवि क़ाज़ी नज़रूल इस्लाम की जयंती संस्था द्वारा संचालित बंगा भवन, से. 35 में मनाई गई। संस्था के अध्यक्ष अनिंदू दास ने जानकारी देते हुए बताया कि क़ाज़ी नज़रूल इस्लाम के जीवन दर्शन एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों पर हर बंगाली को गर्व है। इस अवसर पर सम्मिलनी की सांस्कृतिक टीम के सदस्यों ने इन महान कवि द्वारा रचित गीतों पर आधारित कार्यक्रम व मनमोहक नृत्य प्रस्तुत करके उपस्थित जनों की खूब वाहवाही बटोरी। क़ाज़ी नज़रूल इस्लाम, जिन्हे बांग्लादेश ने राष्ट्रीय कवि का दर्जा दिया हुआ है, द्वारा लिखित एक रचना पर आधारित नज़रूल चेतोना के नाम से गीती अलेखो को संस्था के उपाध्यक्ष भवानी पाल ने निर्देशित करके रंग जमा दिया। सम्मिलनी के महासचिव बीएसएस प्रबल स्याम ने बताया कि इस वर्ष का ये कार्यक्रम इसलिए ख़ास रहा क्योंकि इस साल उनकी संस्था की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। आगामी 30 जुलाई को इस अवसर को मनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रहीं हैं।
Trending
- तू मोहन, मैं राधा, तू मेरा, मैं तेरी…!
- SBI LHO चंडीगढ़ ने आज कमांड हॉस्पिटल चंडीमंदिर में एक CSR गतिविधि का आयोजन किया
- पंजाब विश्वविद्यालय की कन्वोकेशन जैकेट विवाद पर उठे सवाल
- पर्यावरण के अनुकूल कचरा प्रबंधन के लिए ‘प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन’ लॉन्च
- ‘ग्रीन चंडीगढ़-ग्रीन होली’
- Despite Complaints to Police, No Action Taken; Appeal for Justice to Punjab CM
- होली का सम्बंध द्वापर युग से राधा-कृष्ण जी से जुड़ा हुआ है। यह रंगो का त्योहार है : डॉ. सरीन
- जगमोहन सिंह ने “कैश फ्लो समिट 2025” का किया ऐलान