डिंपल यादव नहीं जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजेंगे अखिलेश

राज्यसभा सीट के लिए पूर्व कांग्रेसी कपिल सिब्बल को समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत दिलाने में मदद करने के लिए एक बदले के रूप में देखा जा रहा है। दो साल से अधिक समय के बाद उनकी रिहाई हुई है। इसी तरह सपा के दूसरे राज्यसभा प्रत्याशी जावेद अली खान पर वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव का आशीर्वाद है। लेकिन, जयंत चौधरी की राह आसान नहीं है।

लखनऊ(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को समर्थन देने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रिय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्य सभा भेजेंगे। जयंत चौधरी सपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी होंगे। बता दें कि यूपी से राज्यसभा की 11 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. मौजूदा संख्या बल के आधार पर समाजवादी पार्टी तीन सदस्यों को राज्य सभा भेज सकती है। कपिल सिब्बल और जावेद अली अपना नामांकन कर चुके हैं। तीसरे प्रत्याशी के तौर पर अब जयंत चौधरी नामांकन करेंगे। इससे पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि डिंपल यादव राज्य सभा जा सकती है।

समाजवादी पार्टी की तरफ से तीसरी प्रत्याशी के रूप में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के नाम को लेकर चर्चा काफी तेज थी। हालांकि बुधवार को जब तीसरा नामांकन दाखिल नहीं हुआ, तो इस मामले में सस्पेंस गहरा हो गया। गुरुवार को जब जयंत चौधरी का नाम सामने आया, तो अब यह स्पष्ट हो गया कि सपा गठबंधन से तीसरा नाम कौन है।

रालोद प्रमुख और सपा के सहयोगी जयंत चौधरी अब खुद को मुश्किल में पा रहे हैं। चुनाव से पहले उन्हें एक सीट देने का वादा किया गया था, लेकिन डिंपल यादव सपा की तीसरी और अंतिम सीट के लिए एक गंभीर दावेदार बन गई हैं।

राज्यसभा चुनाव में सपा का समर्थन पाने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, ”हम मोदी सरकार का विरोध करने के लिए विपक्ष में रहकर गठबंधन बनाना चाहते हैं और 2024 में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं कि मोदी सरकार की गलतियां लोगों तक पहुंचे।” वहीं, अखिलेश यादव ने सदन में मामले उठाने के लिए कपिल सिब्बल की दक्षता और उनकी कानूनी दक्षता की सराहना की।

आपको बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी और आरएलडी के बीच गठबंधन हुआ था। हालांकि, इसे चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अगर आरएलडी के जयंत चौधरी राज्यसभा जाने से चूकते हैं तो दोनों दलों के गठबंधन पर भी इसका असर पड़ेगा।

सूत्रों की मानें तो जयंत चौधरी को अखिलेश यादव ने राज्यसभा भेजने का वादा किया था। अखिलेश चाहते थे कि जयंत सपा के सिंबल पर राज्यसभा जाएं, लेकिन जयंत राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार के तौर पर सपा का समर्थन चाहते हैं। आपको बता दें कि सपा के पास राज्यसभा की तीन सीटें हैं। कपिल सिब्बल और जावेद अली खान नामांकन भर चुके हैं। वहीं, तीसरे उम्मीदवार की बात करें तो वह डिंपल यादव हो सकती हैं।