पंजाब में मंत्री बर्खास्त और पुलिस केस के बाद राजस्थान में आप का भय व बढती लोकप्रियता

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 26 मई :

पंजाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला  की बर्खास्तगी और के पुलिस केस के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाकी मंत्रियों को भी चेतावनी दे दी है। उन्हें रिश्तेदारों को अपने कामकाज से दूर रखने को कहा है। मान ने विभागों से जानकारी ली जिसमें पता चला कि कुछ मंत्रियों की पत्नी, बेटा और भांजे-भतीजे सरकारी काम में दखल कर हैं । रहे इसे देखते हुए मान ने 2 मंत्रियों को बुलाकर खास तौर पर हिदायत जारी की है।

  • पता चला कि एक मंत्री की पत्नी सरकारी कामकाज में बहुत ज्यादा इनवॉल्व हो रही हैं।
  • एक मंत्री के भांजे भी सरकारी मीटिंग में शामिल होकर अपनी सलाह दे रहे हैं। 
  • एक मंत्री का बेटा तो उनके नाम पर लोगों से मुलाकात कर रहा है। 
  • मान ने चेतावनी दे दी कि उनका भी स्टिंग ऑपरेशन हो सकता है। जिससे सीधे कुर्सी जाएगी, जैसे हेल्थ मिनिस्टर विजय सिंगला को गंवानी पड़ी।

 

सिंगला की कुर्सी जाने के पीछे भांजा प्रदीप

 हेल्थ मिनिस्टर डॉ. विजय सिंगला की कुर्सी जाने का कारण  उनका भांजपा प्रदीप गोयल बना है। प्रदीप को सिंगला ने अपना विशेष सलाहकार osd बनाया था। सुपरिटेंडिंग इंजीनियर से 1% कमीशन प्रदीप ने ही मांगा था। जिसकी रिकॉर्डिंग हो गई। जिसके बाद मान ने सिंगला को बर्खास्त कर दिया। भ्रष्टाचार के केस में सिंगला के साथ भांजे प्रदीप को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाये इन सख्त फैसलों से चिपते हुए राज्य राजस्थान में राजनैतिक दलों और नेताओं में भय फैल रहा है वहीं आम जनता में लोकप्रियता बढ रही है। 

पंजाब के चिपते हुए दो जिलों श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ में तो बड़ा असर पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए लोगों को देख जनता आकर्षित हो रही है। लोग मोहल्लों और गांवों में आप के कार्यकर्ताओं को सुन रहे हैं और सदस्य बन रहे हैं। आम आदमी पार्टी गठन के समय पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाए चौराहों पर गलियों में मेजें लगाई थी उस समय इतना अधिक आकर्षण नहीं था जो अब अपने आप बन रहा है।

भाजपा जो 2023 में अपनी सरकार बनने का पक्का मानकर चल रही है, उसी को आम आदमी पार्टी के आक्रामक रूप से चुनाव में उतरने का भय लगने लगा है। आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की समस्त 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। भाजपा में गुटबाजी को दिल्ली नेता खत्म नहीं कर पाए हैं। भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बराबर का कोई नेता नहीं है जो डंके की चोट भाजपा सरकार बनाने का दावा कर सके। भाजपा नेता मोदी चेहरे से चुनाव लड़ने की घोषणा कई बार कर चुके हैं मगर आम जनता ने इसपर कोई जयकारा नहीं लगाया है। जनता की ओर से कोई खुशी प्रगट नहीं हुई है। भाजपा को यह तो स्पष्ट लग रहा है कि जनता का जबरदस्त समर्थन अभी नहीं है। ऐसे में आम आदमी पार्टी का भय सता रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी यह असर कांग्रेस पर भी डाल रही है।