ज्ञानवापी पर हिन्दू पक्ष में ‘रूबीना खानम’ का ब्यान अखिलेश को बर्दाश्त नहीं, खानम सपा से पदमुक्त
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रही बयानबाजियों के बीच अलीगढ़ की महिला नेता रुबीना खानम ने हिंदुओं के पक्ष में बयान दिया था। ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता रुबीना खानम पर अब सपा ने एक्शन ले लिया है। उन्होंने आगे कहा, “मुझे हैरानी इस बात की है कि मुझे उन्होंने पद मुक्त इसलिए किया है कि मैंने अनुशासनहीनता की है। ऐसी अनुशासनहीनता तो मैं बार-बार करना चाहूंगी। अब मेरा समाजवादी पार्टी में भी रहने का कोई मतलब नहीं है। ऐसी पार्टी में तो मैं खुद नहीं रहना चाहती, जहां मुझे सच बोलने का अधिकार ना हो, जहां मैं हिंदू भाइयों की बात नहीं कर सकती, जहां मैं देश की बात नहीं कर सकती पहले मैंने इस पार्टी में रहते हुए तुष्टीकरण की राजनीति की, सिर्फ एक तरफा एक वर्ग विशेष की राजनीति की, लेकिन जब मुझे ज्ञान हुआ, मेरी आत्मा ने और मेरे जमीर ने कहा मैं जिस देश में रहती हूं उस देश की बात करनी चाहिए, जिस देश का मैंने नमक खाया है, उस देश की बात करनी चाहिए.मुझे किसी पार्टी की बात नहीं करनी चाहिए।”
राजविरेन्द्र वसिष्ठ, सेमोक्रेटिक फ्रंट, अलीगढ़/ चंडीगढ़:
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बीते तीन दिनों में लगातार कई घटनाक्रम बदले हैं.मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष ने किया था। वाराणसी कोर्ट के निर्देश के बाद बीते शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद लगातार तीन दिनों तक मस्जिद में सर्वे हुआ। सर्वे के तीसरे और अंतिम दिन कोर्ट ने ज़िला प्रशासन को निर्देश देते हुए उस जगह को सील करने को कहा जहां सर्वे टीम को कथित तौर पर ‘शिवलिंग’ मिला था। वहीं शिवलिंग मिलने के दावे के बाद आम जनता से लेकर राजनेता भी इस मुद्दे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं।
शनिवार को सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने एक पत्र जारी कर रुबीना खानम को अनुशासहीनता में महानगर अध्यक्ष पद से पदम मुक्त कर दिया। इस पर रुबीना खानम ने कहा है कि जब हमने राष्ट्रहित की बात की, सत्य की बात की। सभी धर्मों का सम्मान करते हुए हिंदू धर्म की आस्था का सम्मान करते हुए बहुसंख्यकों की भी बात की, सपा के लिए ये अनुशासनहीनता हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुद को हटाए जाने पर रुबीना ने नाराजगी जताई। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “मैं अनुशासनहीन इसलिए हो गई क्योंकि मैं समाजवादी पार्टी के हिसाब से नहीं बोली। मुझे सपा ने पद से इसलिए हटा दिया क्योंकि मैंने राष्ट्रवाद और सभी धर्मों के सम्मान की बात कह दी। यही सपा का असली चेहरा है।”
रुबीना ने कहा, “जिस पार्टी में मैं सच भी नहीं बोल सकती और देश की बात भी नहीं कर सकती उसमें मैं नहीं रहना चाहती। मेरे पास आए लेटर में मुझे अनुशासनहीन बताया गया है। मतलब मुसलमानों के साथ हिन्दुओं की भी बात करना अनुशासनहीनता कैसे हो गया ? अगर ये अनुशासनहीनता है तो मैं इसे बार-बार करूँगी। आज पद से निकाला है कल पार्टी से निकाल देंगे। ऐसी पार्टी में मैं खुद नहीं रह सकती।”
रुबीना के मुताबिक, “जिस पार्टी में बहू अपर्णा यादव का सम्मान नहीं हुआ वहाँ मेरा सम्मान कैसे होता ? ये सच है कि मैं पहले तुष्टिकरण की राजनीति करती थी। लेकिन बाद में मुझे मेरी आत्मा ने झकझोर दिया। तब मुझे आत्मज्ञान हुआ। तब से मैंने पूरे देश की बात करनी शुरू कर दी।”
इससे पहले ज्ञानवापी सर्वे पर बोलते हुए रुबीना खानुम का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। तब उन्होंने कहा था, “अगर ये साबित हो जाता है कि किसी शासन ने जबरन ताकत के दम पर मस्जिद बनाई गई थी। तब हमारे धर्म गुरुओं को समझना चाहिए कि वहाँ नमाज़ पढ़ना हराम है। साथ ही तब हमारा मुस्लिम समाज और उलेमा उस जमीन को हिन्दू पक्ष को लौटा दें।”
गौरतलब है कि रुबीना खानुम पहले कई विवादित बयानबाजी कर चुकी हैं। हिजाब विवाद में रुबीना ने हिजाब पर हाथ डालने वालों के हाथ काट देने का एलान किया था। वहीं लाऊडस्पीकर विवाद में भी उन्होंने मंदिरों के आगे लाऊडस्पीकर पर कुरान का पाठ करने की धमकी दी थी।