कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, हार्दिक पटेल ने छोड़ी कांग्रेस, अपमान का आरोप, राम मंदिर का जिक्र कर भाजपा में जाने के संकेत
हार्दिक पटेल ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, तो हमारे नेता विदेश में थे। शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे?’ बता दें कि हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन बीते कुछ वक्त से वह कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। कई बार वह अपनी नाराजगी खुलकर जता भी चुके थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में उनकी हालत ऐसी हो गई है जैसे नए दूल्हे की नसबंदी करा दी हो। यहां वह कहना चाह रहे थे कि उनके पास पार्टी में फैसला लेने की कोई पावर नहीं है। हार्दिक पटेल ने कहा था कि उनकी नाराजगी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी से नहीं है, बल्कि स्टेट लीडरशिप से है।
हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पर क्या आरोप लगाए
- कांग्रेस पार्टी देशहित और समाज हित के बिल्कुल विपरीत काम कर रही है
- कांग्रेस पार्टी विरोध की राजनीति तक सीमत हो गई है
- कांग्रेस राम मंदिर निर्माण, CAA-NRC, धारा 370, जीएसटी लागू करने में बाधा थी
- जब देश संकट में था, तब हमारे नेता विदेश में थे
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, अहमदाबाद/चंडीगढ़ :
काफी लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे की खबर हार्दिक पटेल ने ट्वीट के जरिये दी है। ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं, मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि अपने इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा।
हार्दिक पटेल लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे और लगातार राज्य के नेताओं और हाईकमान पर सवाल खड़े कर रहे थे। गुजरात में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और उससे पहले हार्दिक पटेल के इस्तीफे ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जरूर बने हैं, लेकिन उन्हें कोई जिम्मेदीरी नहीं दी गई है और लगातार नेता उन्हें किनारे लगाने में जुटे हैं। हार्दिक पटेल ने राज्य इकाई के नेताओं पर आरोप लगाया था कि वे चाहते हैं कि मैं कांग्रेस छोड़ दूं। यही नहीं उनका कहना था कि कांग्रेस राज्य में बेहद कमजोर है और चुनाव जीतने की स्थिति में फिलहाल नजर नहीं आती है।
कई महीनों से हार्दिक पटेल के भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। अपने इस्तीफे से हार्दिक पटेल ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि वे भाजपा में जा सकते हैं। हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में राम मंदिर, CAA, आर्टिकल 370 और जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि इन मुद्दों का समाधान देश के लिए जरूरी था, लेकिन कांग्रेस लगातार इनमें बाधा ही बनती रही। उनकी इस टिप्पणी से यह माना जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हार्दिक पटेल ने कहा कि भारत हो, गुजरात या फिर मेरे पटेल समाज की बात हो, कांग्रेस का अजेंडा सिर्फ केंद्र सरकार के विरोध का ही रहा है।
हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में कांग्रेस पर अपमान का आरोप भी लगाया है। उन्होेंने लिखा, ‘राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति का धर्म होता है कि वह जनता के लिए कुछ करता रहे। लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो कांग्रेस ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया। मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस का नेतृत्व हमारे प्रदेश, समाज और विशेष तौर पर युवाओं के लिए इस प्रकार का द्वेष अपने मन में रखता है।’
गुजरात कांग्रेस ने एक युवा को नेतृत्व करने का मौका दिया था। हार्दिक पटेल ने अमित शाह को “जनरल डायर” की उपाधि दी थी। बीजेपी निराश है क्योंकि अब असली मुद्दे गुजरात में भी सामने आ रहे हैं. अब उन्हें सत्ता गंवाने का डर सता रहा है। इसलिए वे कांग्रेस को अस्थिर करने के प्रयास करने लगे।भारत कभी “कांग्रेस मुक्त” नहीं हो सकता लेकिन यह सच है कि बीजेपी “कांग्रेस युक्त” हो गई है। हार्दिक पटेल ने अपने पत्र में जो कुछ भी लिखा है वह मूल रूप से भाजपा के शब्द हैं।
हार्दिक पटेल ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच सोमवार को अपने ट्विटर प्रोफाइल से अपना पदनाम और पार्टी चुनाव चिह्न ‘हाथ’ को हटा दिया था।
पटेल द्वारा राज्य पार्टी नेतृत्व के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त करने के कुछ दिनों बाद हार्दिक की ऐसी प्रतिक्रिया आई है। गुजरात में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए पाटीदार समुदाय के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले तेजतर्रार नेता ने ट्विटर पर अपने नए प्रोफाइल में खुद को “Proud Indian patriot” बताया था।