पंचांग, 17 मई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः द्वितीया तिथि का क्षय है। श्री नारद जयंती तथा वीणादान है।
श्री नारद जयंती : नारद मुनि को देवर्षि नारद के नाम से भी जाना जाता है। कई हिंदू नारद जयंती को नारद मुनि की जयंती के रूप में मनाते हैं। नारद जयंती वैशाख महीने में (प्रतिपदा तिथि) यानी कृष्ण पक्ष के पहले दिन मनाई जाती है। इस साल नारद जयंती 17 मई 2022 मंगलवार को मनाई जा रही है। नारद जी ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं। देवताओं के ऋषि होने के कारण इनको देवर्षि कहा गया है। नारद जी को ब्रह्मर्षि की उपाधि दी गई है.
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः ज्येष्ठ़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः प्रतिपदा प्रातः 6.26 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः अनुराधा प्रातः 10.46 तक है,
योगः शिव, रात्रि 10.37 तक।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा
करणः कौलव,
सूर्य राशिः वृष, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.33, सूर्यास्तः 07.02 बजे।