सक्रिय राजनीति में फिर हो सकती है सुनील जाखड़ की वापसी, BJP और AAP दो बड़े विकल्प!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में सड़क मार्ग से जाते समय सुरक्षा में गंभीर चूक होने की वजह से एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। दरअसल, कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते, उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है। इस पर बीजेपी और कांग्रेस में वार पलट वार हुआ। पंजाब कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। फिरोजपुर में बीजेपी की राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। पंजाब कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। फिरोजपुर में बीजेपी की राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :
कांग्रेस को अलविदा कहने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ भले ही सक्रिय राजनीति से फरवरी माह में तौबा कर ली थी, लेकिन मौजूदा हालात उन्हें एक बार फिर से पंजाब की सक्रिय राजनीति में आने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रस छोड़ने से पहले अपने संबोधन में कहा था, ‘सोनिया जी पंजाब को बख्श दो’। उनका पंजाब प्रेम उन्हें फिर से नई पारी की ओर ले जा सकता है। सुनील जाखड़ के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह अपने भविष्य के राजनीतिक सफर की घोषणा करने से पहले विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। समझा जाता है कि वह आने वाले महीनों में पंजाब पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्सुक हैं। सूत्रों एवं राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो यदि जाखड़ भाजपा में पदभार संभालते हैं तो निगम के चुनावों ही से पंजाब में भाजपा का नाम ऊंचा हो जाएगा।
वैसे तो जाखड़ के पास आम आदमी पार्टी से जुड़ने का विकल्प भी है। लेकिन सूत्रों की माने तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता जाखड़ के संपर्क में हैं। भले ही 50 साल तक वो इस पार्टी के विरोधी रहे हों, लेकिन पार्टी के दिग्गज और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके संबंध उनके पिता के समय से ही अच्छे रहे हैं।
जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय जाखड़ के पिता बलराम जाखड़ ने कुछ समय के लिए गुजरात के राज्यपाल की जिम्मेदारी उठाई थी। करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने पर जब मोदी पंजाब आए थे तब भी उन्होंने जाखड़ से मुलाकात की थी और उन्हें का था कि दिल्ली आओ तो मुझसे भी मिला करो। हालांकि तब जाखड़ ने स्पष्ट कर दिया था कि उनके निजी और राजनीतिक संबंध अलग-अलग हैं।
बता दें कि सुनील जाखड़ ने शनिवार को फेसबुक लाइव कर कांग्रेस पार्टी को गुड बाय कह दिया। पंजबा विधानसभा चुनावों से चल रहे मनमुटाव के बाद जाखड़ ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी छोड़ते हुए वो कांग्रेस को नसीहत भी दे गए। उन्होंने आज फेसबुक लाइव कर कांग्रेस पार्टी को गुड बाय कहा और नसीहत दी कि इस प्रकार से चिंतन शिविर लगाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नोटिस तो उन लोगों को भेजना चाहिए था जिन्होंने कांग्रेस का नुकासान किया है। चिंतन शिविर तो महज ऑपचारिकता है। कांग्रेस को चिंता शिविर की जरूरत है।