पाकिस्तान में चीनियों पर चौथा आतंकी हमला, 3 की मौत, क्या चीन से बिगड़ेंगे रिश्ते ?
विशेषज्ञों के मुताबिक चीन कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के जरिए दुनियाभर में सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही इसके जरिए चीन उस देश के चर्चित विश्वविद्यालय में हो रहे शोध और अन्य तकनीकों के विकास पर नजर रखता है। इससे जासूसी को भी बढ़ावा देने की भी खबरें आई हैं और यही वजह है कि भारत ने चीनी इंस्टीट्यूट को लेकर बहुत सख्त नियम बना दिए हैं। इससे पहले गत 26 अप्रैल को बुर्का पहनी बलूच आत्मघाती महिला ने खुद को उड़ा दिया था जिसमें 3 चीनी शिक्षक मारे गए थे और 4 अन्य घायल हो गए थे। सीनेट रक्षा समिति के अध्यक्ष मुशाहिद हसन ने अखबार डॉन को बताया कि इस घटना के बाद पाकिस्तान में चीनी लोगों की रक्षा करने की सरकार की क्षमता पर चीन का विश्वास गंभीर रूप से हिल गया। इस घटना के बाद चीनी सरकार ने पाकिस्तान में काम कर रहे अपने नागरिकों पर हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
कराची/नयी दिल्ली, डेमोक्रेटिक फ्रंट :
पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में मैंडरिन पढ़ाने वाले चीनी शिक्षक हाल में हुए घातक हमलों के मद्देनजर बीजिंग द्वारा वापस बुलाए जाने के बाद घर के लिए रवाना हो गए हैं। कराची विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कुछ हफ्ते पहले बुर्का पहनकर आई बलूच महिला आत्मघाती हमलावर ने पाकिस्तान के प्रतिष्ठित कराची विश्वविद्यालय के अंदर एक वाहन के पास खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया। देश की वित्तीय राजधानी में चीनी नागरिकों के खिलाफ इस हमले में कन्फ्यूशियस संस्थान के प्रमुख और उनके स्थानीय चालक सहित तीन चीनी शिक्षकों की मौत हो गई। प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से संबद्ध मजीद ब्रिगेड ने चीन द्वारा निर्मित कन्फ्यूशियस संस्थान के पास शिक्षकों पर हुए हमले की 26 अप्रैल को जिम्मेदारी ली थी।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया गया हो। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान में कब-कब चीनी नागरिकों पर हमला किया गया है।
23 नवंबर 2018
इस दिन चीनी कांसुलेट जनरल, कराची पर हमला किया गया था। इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 2 पुलिस के कर्मी और 2 पाकिस्तान के नागरिक मारे गए थे। घंटों चले ऑपरेशन में तीनों हमलावर मारे गए थे। इस हमले में एक भी चीनी नागरिक न ही घायल हुआ था और न ही मारा गया था।
घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन राजनयिक एजेंसियों के खिलाफ किसी भी हिंसक हमले की कड़ी निंदा करता है। चीन ने कहा था कि हमले के बावजूद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना आगे बढ़ेगी। उस वक्त पाकिस्तान में चीनी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख झाओ लिजियन ने हमले के जवाब में ‘समय पर और उचित कार्रवाई’ के लिए पाकिस्तानी सेना और पुलिस की तारीफ की थी।
20 अगस्त 2021
इस दिन बलूचिस्तान में ग्वादर ईस्ट बे एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में एक आत्मघाती हमलावर ने चीनी कर्मियों पर हमला किया था। इस हमले में एक चीनी नागरिक घायल हो गया था और दो स्थानीय बच्चों की मौत हो गई थी।
हमले के बाद चीन ने कहा था कि पाकिस्तान से घायलों का उचित इलाज करने, हमले की गहन जांच करने और अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई। इसके साथ ही चीन ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति गंभीर रही है। पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने चीनी नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की थी।
14 जुलाई 2021
खैबर पख्तूनख्वा के ऊपरी कोहिस्तान जिले में दासु हाइड्रोपॉवर में काम कर रहे चीनी श्रमिकों को ले जा रहे एक बस पर हमला किया गया था। इस हमले में कुल 13 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 4 पाकिस्तानी नागरिक थे और 9 चीनी। इस हमले में 28 लोग घायल हो गए थे। इस हमले के बाद चीन ने जमकर पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी।