सुनील जाखड़ बेशकीमती नेता हैं। कांग्रेस को उन्हें गंवाना नहीं चाहिए – नवजोत सिद्धू

सुनील जाखड़ के कांग्रेस छोड़ने के बाद नवजोत सिद्धू ने खुलकर उनकी तारीफ की है। सिद्धू ने कहा – सुनील जाखड़ बेशकीमती नेता हैं। कांग्रेस को उन्हें गंवाना नहीं चाहिए। कोई भी मतभेद हो तो उसे बातचीत से सुलझाया जा सकता है। सिद्धू की यह बातें इसलिए अहम हैं क्योंकि उन पर भी अनुशासनिक कार्रवाई की तलवार लटक रही है। उनके खिलाफ पंजाब प्रधान राजा वड़िंग की सिफारिश पर अनुशासन समिति के पास मामला पहुंच चुका है। इस मामले में सिद्धू पर भी कार्रवाई होनी तय है। कांग्रेस छोड़ने से पहले भी जाखड़ ने सवाल उठाया था कि नवजोत सिद्धू को किस बात का नोटिस दिया गया।

सारिका तिवारी, उदयपुर/चंडीगढ़। डेमोक्रेटिक फ्रंट :

उदयपुर में जारी ‘चिंतन शिविर’ के बीच पंजाब के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ के पार्टी छोड़ने का ऐलान कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अब सुनील जाखड़ को मनाने में जुट गए हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि, मतभेद चाहे कैसे भी हों उन्हें बातचीत से हल किया जा सकता है। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करते हुए सुनील जाखड़ को कांग्रेस की बड़ी संपत्ति बताया और कहा कि कांग्रेस को सुनील जाखड़ को नहीं खोना चाहिए। वह पार्टी की एक बड़ी संपत्ति है..किसी तरह के मतभेद को बैठकर हल किया जा सकता है।

दरअसल, कांग्रेस के चिंतन शिविर के बीच पंजाब से असंतुष्ट कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने शनिवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए इसकी घोषणा की। जाखड़ ने कांग्रेस आलाकमान पर आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद सीएम की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब के एक खास नेता की बात सुनी जा रही है।

सुनील जाखड़ ने कहा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा करने के बाद “पार्टी लाइन पर नहीं चलने” के लिए “पार्टी के सभी पदों को छीन लिए” जाने पर उनका दिल टूट गया था। बता दें कि सुनील जाखड़ के साथ एक लंबी विरासत रही है, उनके पिता बलराम जाखड़ किसान नेता माने जाते थे। ऐसे में दोनों नेता साथ आकर एक नया मोर्चा भी बना सकते हैं। 

नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ के बीच कुछ दिन पहले 45 मिनट की मुलाकात हुई थी। उस वक्त जाखड़ को नोटिस भी आ चुका था। दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसको लेकर कोई ब्यौरा नहीं दिया गया। हालांकि, यह चर्चा जरूर रही कि दोनों ने कांग्रेस में अपनी हालत को देखते हुए समर्थकों संग कोई फ्यूचर प्लानिंग की है।

सुनील जाखड़ का परिवार करीब 50 साल से कांग्रेस में है। पिता बलराम जाखड़ के बाद अब उनके विधायक भतीजे संदीप जाखड़ के रूप में तीसरी पीढ़ी कांग्रेस में है। जाखड़ राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते जाखड़ पंजाब कांग्रेस प्रधान थे। कांग्रेस ने उन्हें हटाकर ही नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाया था। तब यह माना गया कि हरीश रावत की वजह से संगठन के नेतृत्व में यह बदलाव किया गया।