पंचांग, 14 मई 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज नृसिंह जयंती तथा ज्येष्ठ संक्रांति है। 

नरसिंह जयंती

नरसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल नरसिंह जयंती 14 मई, शनिवार को है। इस साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 14 मई को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।

ज्येष्ठ संक्रांति

ज्येष्ठ संक्रांति में सूर्य वृष राशि में प्रवेश करेंगे यह संक्रांति 14 मई, 2022 को आरंभ होगी.  इस पुण्य काल के समय दान, स्नान एवं जप करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है. इस मास में संक्रान्ति, गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी आदि पर्व मुख्य रुप से रहेंगें. ज्येष्ठ संक्रान्ति के दिन व्रत-उपवास रख कर घडा, गेहूं, चावल, सतु, अनाज व दूध -चीनी, फल, वस्त्र, छाता, पंखा आदि अन्य गर्मियों में प्रयोग होने वाली वस्तुओ का दक्षिणा सहित दान करने का विशेष महत्व होता है. व्रत के दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन व “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय ” मंत्र व विष्णु सहस्त्र नाम आदि स्त्रोतों का जप-पाठ करना शुभ रहता है.जकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। नरसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का नाश होता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः वैशाख़, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः त्रयोदशी अपराहन् 03.23 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः चित्रा सांय 05.28 तक है, 

योगः सिद्धि दोपहर 12.58 तक।  

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः वृष, चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.35, सूर्यास्तः 07.00 बजे।