उपायुक्त महावीर कौशिक ने चिन्हित अपराधों को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक की करी अध्यक्षता

  • बैठक में 27 पुराने आपराधिक मामलों पर चर्चा के साथ-साथ 11 नये मामलों को भी किया शामिल

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 13 मई :

उपायुक्त महावीर कौशिक की अध्यक्षता में आज जिला सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में चिन्हित अपराधों को लेकर बैठक आयोजित की गईं। बैठक में 27 पुराने आपराधिक मामलों पर चर्चा करने के साथ-साथ 11 नये मामलों को शामिल किया गया।
बैठक में पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने पोक्सो एक्ट, आई.टी. एक्ट, आर्मस एक्ट तथा भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराओं के तहत दर्ज विभिन्न संगीन अपराधिक मामलों की समीक्षा की। जिन 11 नये मामलों को चिन्हित अपराधों की श्रेणी में शामिल किया गया है उनमें वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक पंचकूला में दर्ज पेपर लीक व धोखाधड़ी से संबंधित मामले शमिल हैं।
उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने चिन्हित अपराधों के मामलों की समीक्षा करने उपरांत निर्देश दिये कि जांच प्रक्रिया में तेजी ला कर मामलों का जल्द से जल्द निपटान किया जाए ताकि पीड़ित को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन संगीन अपराधिक मामलों में आरोप तय हो चुके है, ऐसे मामलों में न्यायालय के माध्यम से अपराधियों को कानून के अनुसार सजा दिलवाना सुनिश्चत किया जाए ताकि आपराधिक प्रवृति के लोगों में कड़ा संदेश जाए तथा वे इस प्रकार की गतिविधियों में शमिल न हों।
पुलिस उपायुक्त श्री मोहित हांडा ने उपायुक्त को अब तक विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए 27 मामलों में की गई कार्रवाई की प्रगति के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन 27 मामलों में 14 मामले महिलाओं के विरूद्ध अपराध तथा पोक्सो एक्ट, 12 मामले हत्या और हत्या का प्रयास और एक मामला पासपोर्ट एक्ट से संबंधित है। उन्होंने बताया कि इस बार पेपर लीक व धोखाधड़ी से संबंधित मामलों को भी चिन्हित अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया  है।  श्री मोहित हांडा ने उपायुक्त को आश्वासन दिया कि मामलों की प्राथमिकता के आधार पर जांच प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी व माननीय न्यायालय के माध्यम से अपराधियों को सज़ा  दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा।
डी.ए. पंकज गर्ग ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि कोविड के दौर में अदालतों में मामले काफी लंबित हो गए थे। अब अदालती काम में तेजी आने से  ऐसे मामलों का निपटान करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने चिन्हित अपराध के मामलों में हुई प्रगति का ब्यौरा भी उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया।
 इस अवसर पर एसीपी राजकुमार, जिला न्यायवादी पंकज गर्ग,  सेंट्रल जेल अंबाला के अधीक्षक लखबीर सिंह बराड़ व पुलिस विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।