तेज हवा और धुंध के कारण 1711 करोड़ का पल ‘धुंध और आँधी’ से गिर गया, गडकरी हैरान
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सचिव से इसका कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘ऐसा तेज हवा और धुंध के कारण (1711 crore bridge blown away in a storm) हुआ था’ इस पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि एक आईएएस अधिकारी इस तरह के स्पष्टीकरण पर विश्वास कैसे कर सकता है ? इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हवा और धुंध के कारण पुल कैसे गिर सकता है ? जरूर कुछ गलती हुई होगी, जिससे पुल गिरा।’ कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना पुलों के निर्माण की लागत कम करने की जरूरत पर बल दिया।
भागलपुर/पटना/नयी दिल्ली (ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट .
सुल्तानगंज में बन रहा पुल 29 अप्रैल की रात आंधी को नहीं झेल पाया। तेज हवा के चलते निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया. पुल का निर्माण 2015 में शुरू किया गया था। इस पुल के गिर जाने की जो वजह बताई गई उसके अनुसार आंधी और बारिश के कारण पुल ढह गया। इसका टेंडर एसपी सिंगला कंपनी को मिला है और इस पुल की लागत 1711 करोड़ रुपये बताई जा रही है। जाहिर है इतनी बड़ी राशि से बनने वाले पुल के आंधी में गिर जाने के दावे की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस पर आश्चर्य जताया है। इसके बाद बिहार सरकार हरकत में आई है। पथ निर्माण मंत्री ने कहा है कि पुल गिरने की जांच जारी है और एक हफ्ते में रिपोर्ट मिल जाएगी. उसके बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
इधर, बिहार इंजीनियरिंग सर्विस के प्रोजेक्ट इंजीनियर योगेंद्र राम के अनुसार 1710 करोड़ की लागत से बनने वाले सुल्तानगंज-आगवानी पुल सिग्मेंटल ब्रिज है। डेनमार्क के ऑथिरिटी इंजीनियर की देखरेख में इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कर रहा है। प्रोजेक्ट इंजीनियर का कहना है कि दरअसल, पुल के 4 से 5 और 5 से 6 सिग्मेंटल लैंथ में 27-27 सिग्मेंट का काम होना था। अबतक दोनों ही सिग्मेंटल में 19-19 सेगमेंट का ही काम हो पाया था। काम अधूरा रहने से स्पेन लटका हुआ था। इसलिए शुक्रवार की रात तेज आंधी के झोंके में सिग्मेंट ढह गया है। एक सिगमेंट की लागत डेढ़ से दो करोड़ रुपये होता है। कितने प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी इसके बारे में मौसम विभाग से यह भी पता लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, पटना की पांच सदस्यीय टीम जांच कर रही है। दावा किया कि सिग्मेंट का काम पूरा होने पर यह समस्या खड़ी नहीं होती। साथ ही कहा कि पांच स्पेन का काम अब भी बाकी है और 47 सेगमेंट लगेंगे। इसके धराशायी होने के पीछे के कारणों का खुलासा एनआईटी की जांच रिपोर्ट में सामने आ जाएगी। कहा कि अब नए सिरे से स्पेन निर्माण का कार्य होगा। इसलिए अब जून-जुलाई में पुल चालू नहीं हो पाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के अंततक पुल निर्माण पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
इधर, प्रोजेक्ट इंजीनियर द्वारा कहा गया कि आंधी के तेज झोंके से सेगमेंट के हो गया। ये बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोगों का कहना है कि निर्माण में मानकों का पालन नहीं करने की वजह से यह हादसा हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। निर्माण में बड़े पैमाने पर घपले की आशंका जाहिर की जा रही है। बता दें कि कोसी नदी पर विजय घाट पुल का निर्माण भी एसपी सिंगला ही कराया है। निर्माण के दौरान इस पुल का भी यही हश्र हुआ था।
आगवानी पुल निर्माण निगम, खगड़िया प्रमंडल के अधीन कराया जा रहा है। वर्ष 2014 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वर्तमान में पुल निर्माण निगम, भागलपुर प्रमंडल के वरीय परियोजना अभियंता विजय कुमार इससे पहले खगड़िया प्रमंडल में इसी पद पर थे। ढाई-तीन साल तक इस पुल का निर्माण विजय कुमार की देखरेख में ही हुआ था। वहीं जिस समय विजय घाट पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था उस समय संजय कुमार सिंह, भागलपुर प्रमंडल के वरीय परियोजना अभियंता थे। वर्तमान में वे बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर हैं। वे भी सुल्तानगंज घटनास्थल पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं।