खालिस्तानी झंडों के मामले में AAP ने BJP पर साधा निशाना, SFJ के महासचिव गुरपतवंत सिंह पन्नून, ने AAP से संबंध बताए, हिमाचल की एसआईटी को जांच पर लगाया गया 
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे मिलने के मामले में आम आदमी पार्टी (आआपा) ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर खालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए। जो सरकार विधानसभा ना बचा पाए, वो जनता को कैसे बचाएगी। ये हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है। भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो गयी है।” जबकि अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर लगाए गए खालिस्तान के झंडे सिख कार्यकर्ताओं के माध्यम से भेजे गए थे। वे कार्यकर्ता मंडी में अरविंद केजरीवाल की जनसभा में भाग लेने के लिए भगवंत मान के साथ गए थे।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, धर्मशाला/चंडीगढ़ :
हिमाचल विभानसभा भवन के मुख्य गेट और चारदीवारी पर पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने की जांच के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एसआईटी बनाई गई है। श्रीराम चंद की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 153 ए और 153 बी और हिमाचल प्रदेश ओपन प्लेस एक्ट 1985 के सेक्शन 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही हिमाचल प्रदेश के DGP की ओर से इस केस की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है। इस टीम का नेतृत्व धर्मशाल के इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी डीआईजी संतोष पाटियल करेंगे।
आईपीसी की धारा 153 के अनुसार-पूजा के स्थान आदि में किया गया अपराध- जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट अपराध किसी पूजा के स्थान में या किसी जमाव में, जो धार्मिक पूजा या धार्मिक कर्म करने में लगा हुआ हो, करेगा, वह कारावास से, जो 5 वर्ष तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
आईपीसी (IPC Section 153ख in Hindi) – राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान , IPC Section 159B ( IPC Section 153B. Imputations, assertions prejudicial to national-integration ) वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, अथवा दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
आपको बता दें कि रविवार सुबह धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और चारदीवारी पर खालिस्तान के झंडे बंधे मिले थे।
अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर लगाए गए खालिस्तान के झंडे सिख कार्यकर्ताओं के माध्यम से भेजे गए थे। वे कार्यकर्ता मंडी में अरविंद केजरीवाल की जनसभा में भाग लेने के लिए भगवंत मान के साथ गए थे।
एसएफजे के महासचिव गुरपतवंत सिंह पन्नून ने वीडियो में कहा, “चूंकि केजरीवाल-मान ने पंजाब चुनाव के दौरान खालिस्तान समर्थक सिखों को आप को 60 लाख डॉलर से अधिक का दान देने का लालच दिया था, इसलिए एसएफजे खालिस्तान जनमत संग्रह को बढ़ावा देने के लिए सीएम भगवंत मान के करीबी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल करेगा।”
पन्नून ने कहा, “धर्मशाला में खालिस्तान के झंडे सीएम जय राम ठाकुर के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि हिमाचल प्रदेश को खालिस्तान जनमत संग्रह के माध्यम से पुनः प्राप्त किया जाएगा और एक बार फिर पंजाब का हिस्सा होगा।”
इसी वीडियो में पन्नू ने कहा, “धर्मशाला से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक साफ संदेश गया है कि हिमाचल प्रदेश में भी खालिस्तान के जनमत संग्रह की माँग है। साथ ही एक बार फिर से यह पंजाब का हिस्सा होगा।” SFJ ने इसी साल जून के महीने में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की बरसी पर हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान लिए के जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि 8 मई, 2022 (रविवार) को हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला स्थित विधानसभा के मुख्य द्वारा पर खालिस्तान के झंडे लटकाए गए थे। इसी के साथ वहाँ की दीवारों पर आपत्तिजनक नारे भी लिख दिए गए थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का एलान किया था। इस केस में SIT का भी गठन कर दिया गया है।
इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 153-A, 153-B और यूएपीए के सेक्शन 13 के तहत यह मामला दर्ज किया गया था। सीमाओं को सील कर के तमाम ऐसी जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है जहाँ खालिस्तानी समर्थकों के छिपने की संभावना हो। इस मामले में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपित बनाया गया है।”