पंचांग 06 मई
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज आद्यगुरू श्री शंकराचार्य जयंती है।
विक्रमी संवत्ः 2079
शक संवत्ः 1944
मासः वैशाख़
पक्षः शुक्ल
तिथिः पंचमी दोपहर 12.33 तक है
वारः शुक्रवार
नक्षत्रः आर्द्रा प्रातः 09.20 तक है
योगः वैधृति सांय 07.06 तक
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
करणः बालव
सूर्य राशिः मेष, चंद्र राशिः मिथुन,
सूर्योदयः 05.40, सूर्यास्तः 06.56 बजे।
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,