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पंचांग 03 मई

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज अक्षय तृतीया व्रत तथा भगवान परशुराम जयंती है। केदार-बदीनाथ यात्रा प्रारम्भ मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म अन्याय, दुराचार को बढ़ाने वाले पापियों के विनाश के लिए हुआ था।इस साल 3 मई को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती मनाई जाएगी।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944,

 मासः वैशाख़, 

पक्षः शुक्ल

तिथिः तृतीया तिथि की वृद्धि है जो कि (बुधवार को प्रातः 7.33 तक है), 

वारः मंगलवार,

 नक्षत्रः रोहिणी रात्रि 03.18 तक है,

 योगः शोभन सांय 04.15 तक,

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

 करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मेष, चंद्र राशिः वृष, राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,

 सूर्योदयः 05.43,  सूर्यास्तः 06.54 बजे।