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भारतीय जनता पार्टी और जजपा गठबंधन की सरकार ने जिस प्रकार से बेरोजगार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के साथ साथ उन्हें अन्धेरे कुए में धकेल दिया है :चंद्रमोहन

पंचकूला  30 अप्रैल

हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जजपा गठबंधन की सरकार ने जिस प्रकार से बेरोजगार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के साथ साथ उन्हें अन्धेरे कुए में धकेल दिया है जहां से  बेरोजगार युवाओं को बाहर निकलने  का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। सरकार के उदासात्मक रैवये के कारण ही आज हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है।
      उन्होंने कहा कि आज हालात यह हो गए हैं कि हताशा और निराशा में युवा  नकारात्मक सोच का शिकार होकर आत्म हत्या जैसे कदम उठा सकता इसको रोकने के लिए बेरोजगारों के साथ न्याय करना जरूरी है।  उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी विडंबना यह है कि पारदर्शिता के ढोंग के नाम पर दूसरे प्रदेशों के भाजपा और आर एस एस के इशारे पर भर्ती की  जा रही है और यही कारण है कि युवाओं के लिए बेरोजगारी का दंश  जानलेवा साबित हो रहा है और इससे भी बढ़कर  सरकार भर्ती प्रक्रिया में दोषी अपने चहेतों को बचाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।
      चन्द्र मोहन ने कहा कि अभी हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने वर्ष 2020 में  लिपिक पदों की भर्ती पर भी सवालिया निशान लगाते हुए  हरियाणा सरकार को दोबारा मैरिट सूची जारी करने के आदेश दिए गए हैं।‌ यह  कैसी सरकार है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने में सरकार को आनन्द की अनुभूति होती है। सरकार को इस बात की चिंता नहीं कि हताशा में नौजवान कोई भी गलत निर्णय ले सकता है और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग के  30 से अधिक पेपर लीक हो चुके हैं और सरकार के पास इसका कोई सन्तोष जनक उत्तर नहीं है।
     चन्द्र मोहन ने कहा कि  हरियाणा में बेरोजगारी दर 34.1 प्रतिशत पहुंच गई है जो एक भयावह परिदृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। हरियाणा में बेरोजगारों की लम्बी फौज खड़ी हो गई है और लगभग 25 लाख युवा बेरोजगारों की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी विडंबना यह है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपेक्षा भर्ती माफिया को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है और हरियाणा सरकार भर्ती माफिया के सुरक्षा कवच की तरह काम कर रही है।
      उन्होंने सरकार से मांग की है कि भर्ती घोटाले की सी बी आई से जांच कराई जाए और जिन भर्तियो  जैसे पटवारी, ग्राम सचिव और नहरी पटवारियों की भर्ती को टाईम बाउण्ड किया जाए और कम
 कम वेतन पर कच्ची भर्तियां करने की ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए और सरकार को ज एचपीएससी व एचएसएससी के जरिए पक्की भर्तियां करनी चाहिए। लेकिन लगता है कि सरकार पक्की नौकरियां खत्म करने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार  युवाओं के भविष्य से खिलवाड़  करना बंद करें अन्यथा युवा सड़कों पर उतरने के लिए विवश होंगे।