भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की गलत नितियों का परिणाम : चन्द्र मोहन


पंचकूला 29 अप्रैल – 

हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने  आरोप लगाया कि  भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की गलत नितियों का परिणाम  ही आज हरियाणा की जनता भुगत रही है।  आज प्रदेश में निरन्तर अघोषित  बिजली कट के कारण जनता त्राहि त्राहि कर रही, लेकिन सरकार के पास  झूठे आश्वासन के सिवाय जनता को देने के लिए  कुछ भी नहीं है।
     चन्द्र मोहन ने कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान खट्टर सरकार ने बिजली के उत्पादन में एक युनिट की भी बढ़ोतरी नहीं कि और भाजपा का घोषणा पत्र में प्रदेश के लोगों को 24 घण्टे बिजली देने का वायदा एक मृग मरीचिका सिद्ध हुआ है। बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के चार दिन पहले दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए  उन्होंने कहा कि  बिजली मंत्री ने दावा किया था कि बिजली की समस्या  दो दिन में हल हो जाएगी। लेकिन अफसोस की बात यह है कि बिजली की किल्लत का हल होने की बजाय यह निरन्तर बढ़ रही है। बिजली की वजह से  फैक्ट्रियों पर ताले लग गए हैं और  श्रमिक दहाडी न मिलने के कारण बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं। बिजली आज आराम का प्रतीक नहीं अपितु जीवन की आवश्यकता बन गई है।
  उन्होंने कहा कि बिजली संकट  वर्तमान सरकार की देन है । बिजली के अभाव में किसान के खेत  सिंचाई से  वंचित हो गए हैं और उधोग धंधों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ है। इससे आम आदमी की मुश्किलों में की गुणा अभिवृद्धि हुई है।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस के‌ शासनकाल में प्रदेश में चार पावर प्लांट लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि खट्टर  सरकार को लोगों को परेशान करने में आनंद की अनुभूति होती है और यही कारण है कि  बिजली खरीदने के फैसले में देरी  से लगता  है कि  सरकार की नीति और नीयत में फर्क है इससे स्पष्ट होता है कि यह सरकार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचकूला जो ट्राईसिटी का एक अभिन्न अंग है यहां के लोग भी सरकार  इन जनविरोधी  नीतियों का पहले भी विरोध कर चुके हैं।
       चन्द्र मोहन ने  दावा किया है पंचकूला के लोग अघोषित बिजली कटौती से बचने और रात को चैन की नींद सोने के लिए चण्डीगढ़ में अपने रिश्तेदारों के यहां  रात गुजारने को अधिमान देते हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता से सवाल किया कि क्या भाजपा के पंचकूला को मेट्रोपोलिटन शहर बनाने की यही कल्पना है जहां लोग बिजली की परेशानी के साथ साथ पानी की भी किल्लत झेल रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के शासनकाल में पंचकूला में कभी भी बिजली का संकट पैदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बार बार खट्टर सरकार को हरियाणा में चल रहे बिजली संकट को लेकर सचेत भी किया था  लेकिन  समय रहते  सरकार द्वारा  इस  मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
      उन्होंने कहा कि  ने गेंहू का सीजन समाप्ति की ओर है और अब किसानों को सिंचाई के लिए अधिक  पानी की जरूरत है। बिना बिजली किसान सिंचाई कैसे करेंगे और  गर्मी बढ़ने के कारण पारा भी 44 डिग्री के पार चला गया है।निरंतर बढ़ रही गर्मी से आमजनमानस की तकलीफ निरन्तर बढ़ रही है। गर्मी के आगे बिजली  विभाग की सभी योजनाएं  फेल साबित हुई। सरकार के खजाने पर पड़ने वाले सालाना 51,282 करोड़   रुपए का जिम्मेवार कौन होगा। इसके बारे में प्रदेश के लोग जानने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि अगर इतवार तक हालात नहीं सुधरे तो कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के मकान के सामने धरना दिया जायेगा और प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मांग की है कि अगर अपनी जिम्मेवारी  को निभाने में असमर्थ हैं तो उन्हें त्याग पत्र दे देना चाहिए अन्यथा प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।