आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से बेटियों में बढ़ता है आत्मविश्वास – कंवर पाल
शिक्षा मंत्री ने 73 छात्राओं को कराटे बेल्ट देकर किया सम्मानित
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 27 अप्रैल :
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि आत्मरक्षा का प्रशिक्षण संकट की स्थिति में बेटियों के बचाव में सहायक व उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, इसके साथ ही बेटियां शारीरिक और मानसिक रूप से सबल भी बनती है।
कंवर पाल आज पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में विद्यालय शिक्षा विभाग एवं हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद द्वारा आयोजित रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के राज्य स्तरीय समारोह में बोल रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम समग्र शिक्षा के तहत राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। हरियाणा के विद्यालयों में यह कार्यक्रम काफी सफलता के साथ चलाया जा रहा है जिसके आगे भी अच्छे परिणाम आएगे। पिछले शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के लगभग 3 हजार विद्यालयों जिसमें मौलिक विद्यालय, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा 32 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसकेे तहत लगभग 3 हजार विद्यालयों की लगभग 1,23,302 छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया।
स्कूलोें में पढ़ने वाली हर छात्रा का मनोबल हो मजबूत
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पढ़ने वाली हर छात्रा का मनोबल व आत्मबल मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण देना आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि छात्राओं की शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए आत्मरक्षा के गुण संकट की स्थिति में बेटियों का बचाव करने में सहायक होते हैं। इससे बेटियों के आत्मविश्वास को एक नई ऊंचाई भी मिली है।
प्रोजेक्ट उड़ान का भी किया लोकार्पण
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर प्रोजेक्ट उड़ान का भी लोकार्पण किया। जिसका उद्देश्य प्रदेश के चैथी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को कोविड-19 के कारण हुए शिक्षा के नुकसान को कवर करना है। हरियाणा इस कार्यक्रम को चैथी से आठवीं कक्षा में शुरू करने वाले राज्यों में से एक है। पिछली कक्षा की दक्षताओं के आधार पर बच्चों के लिए शिक्षक नियमावली और छात्र कार्य पुस्तिकाएं तैयार की गई हैं। इसलिए शिक्षक प्रतिदिन स्कूलों में पहले दो घंटे के पुनरीक्षण पाठों को लागू करेंगे।
‘शिक्षा सारथी‘ पत्रिका का भी किया विमोचन
कंवर पाल ने 73 छात्राओं कराटे बेल्ट देकर सम्मानित किया, और विद्यालय शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका ‘शिक्षा सारथी‘ के अप्रैल अंक का विमोचन भी किया, जो छात्राओं के आत्मरक्षा प्रशिक्षण पर ही आधारित है। इस दौरान बेटियों ने आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट की छात्राओं को देखकर अन्य छात्राएँ भी प्रेरणा लेगी।
10 मेधावी विद्यार्थियों को दिए स्मार्ट फोन
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 137 संस्कृति आदर्श विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत विद्यार्थियों को कम्प्यूटर प्रोग्रेमिंग (कोडिंग) का प्रशिक्षण नवगुरुकुल फांउडेशन गुरुग्राम के द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों को निःशुल्क रूप से दिया। उन्होंने इस अवसर पर 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन व इस प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले पाँच अध्यापकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह ने कहा कि आज की लड़कियां सशक्त व मजबूत है केवल उन्हें उनकी ताकत से परिचित कराने की जरूरत है। इसी के तहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यालय की छात्राओं को करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमें बेटियों को बचाना भी, पढ़ाना भी और आगे बढ़ाना भी है।
माध्यमिक शिक्षा के महानिदेशक व राज्य परियोजना के निदेशक डॉ जे. गणेशन ने बताया जिन छात्राओं ने 75 दिन का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है, उन सभी को बेसिक स्किल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपनी रक्षा में सक्षम बेटी निश्चित रूप से घर से दूर के विद्यालय तथा महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने से पीछे नहीं हटेगी। इसी उद्देश्य को लेकर समग्र शिक्षा के तहत छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण का कार्यक्रम प्रदेश विद्यालय में चलाया जा रहा है।