हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी के तहत फसल बीमा पाठशाला का किया शुभांरभ

  • जोखिममुक्त खेती के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सिद्ध हो रही है उपयोगी-जेपी दलाल
  • किसानों से फसल बीमा पाठशाला अभियान में भाग लेकर योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की करी अपील

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 27 अप्रैल :

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के कल्याण के लिये कृत संकल्पित हैं और किसानों की आय को बढ़ाने के साथ-साथ कृषि को जोखिममुक्त बनाने के लिये अनेक प्रभावी योजनायें चलाई गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस दिशा में उपयोगी सिद्ध हो रही है और  इसके तहत राज्य में प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुये नुकसान की भरपाई के लिये खरीफ 2016 से लेकर खरीफ 2021 तक लगभग 5200 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि किसानों को वितरित की गई है।

जेपी दलाल आज सेक्टर-1 स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ’किसान भागदारी प्राथमिकता हमारी’ कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय फसल बीमा पाठशाला का उद्घाटन करने उपरांत संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा व विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह भी उपस्थित थे। प्रदेश में लगभग 4 हजार स्थानो ंपर किसान और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

’किसान भागदारी प्राथमिकता हमारी’ अभियान का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र तोमर द्वारा किया गया। यह अभियान 1 मई तक देशभर में चलाया जा रहा हैं।

दलाल ने कहा कि ’किसान भागदारी प्राथमिकता हमारी’ अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों में सीएससी व फसल बीमा योजना में कार्यरत बीमा कंपनियों की सहायता से फसल बीमा पाठशालाओं का आयोजन किया जायेगा, जिसमें राज्य के किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाने के लिये जागरूक किया जायेगा।  उन्होंने कहा कि किसान प्राकृतिक आपदा जैसे कि जल भराव, ओलावृष्टि व अन्य कारणों से हुये अपने फसल नुकसान  की भरपाई फसलों का बीमा करवाते हुये करवा सकते है।

उन्होंने कहा कि कृषि को जोखिममुक्त बनाने के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना काफी उपयोगी सिद्ध हुई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूर्णत स्वैच्छिक हैं और प्रदेश में लाखों किसान इस योजना से जुड़ चुके है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में खरीफ 2021 में 7 लाख 46 हजार 606 किसानों द्वारा बीमा करवाया गया जिसमें किसानों से मात्र 242.49 करोड़ रुपये प्रीमियम की एवज़ में 945 करोड़ रुपये कलेम वितरित किया गया। इसी प्रकार रबी 2021-22 में 7 लाख 33 हजार 674 किसानों द्वारा अपनी फसल का बीमा करवाया गया। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे फसल बीमा पाठशाला अभियान में भाग लेते हुये इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाये।

दलाल ने कहा कि किसान का देश व दुनिया की अर्थव्यवस्था में एक अहम योगदान हैं। भारत की धरा उपजाऊ और यहां का किसान मेहनती और प्रगतिशील है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में निवेश लागत को कम करने के साथ साथ खाद व बीज की पर्याप्त उपलब्धता और खेती को जोखिम मुक्त बनाने, मंडियों की व्यवस्था और खेती के लिये मजबूत आधारभूत संचरना विकसित करने जैसे प्रमुख बिंदुओं पर विशेष बल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने के लिये अनेक योजनायें लागू की गई है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिये किसानों का सूक्ष्म सिंचाई, फसल विविधिकरण, पशु पालन, बागवानी व मछली पालन को अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि खेती और संबद्ध गतिविधियों से गांव की अर्थव्यवस्था में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो देश भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने ग्रामीण युवाओं से आह्वान किया कि वे कृषि क्षेत्र में उद्यम स्थापित कर अपनी आय बढ़ाये और साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये का एग्रीकलच्र इफ्रास्ट्रक्चर फंड स्थापित किया गया है, जिसके तहत ग्रामीण युवा प्रोसेसिंग यूनिट, गोदाम आदि स्थापित करने के लिये 2 करोड़ रुपये तक का लोन लें सकते है, जिस पर 3 प्रतिशत तक ब्याज की छूट  सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाती हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र प्रदेश है, जिसने बागवानी क्षेत्र में भी बागवानी बीमा योजना शुरू की है, जिसके तहत फल और सब्जियों का भी बीमा किया जा रहा है। उन्होंने बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा राशि के लंबित क्लेम को जल्द से जल्द वितरित करवाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (संाख्यिकी) जगराज डंाडी, उप निदेशक सुरेन्द्र सिंह यादव, सहायक सांख्यिकी अधिकारी उपेंद्र सिंह सहरावत, बीमा कंपनियों व काॅमन सर्विस सेंटर के प्रतिनिधि, जिला के प्रगतिशील किसान व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।