कॉंग्रेस से सस्पेंड होंगे सुनील जाखड़

तारिक अनवर ने यह नहीं बताया है कि जाखड़ के खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जाएगा, लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें दो साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने की सिफारिश की गई है। इस बीच सुनील जाखड़ के भतीजे और अबोहर सीट से कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ की भी प्रतिक्रिया आई है। संदीप ने कहा कि यदि इस तरह का ऐक्शन उनके खिलाफ लिया जाता है तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा, ‘जाखड़ साहब कांग्रेस के सीनियर नेता हैं और परंपरागत रूप से पार्टी का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी के साथ समान बर्ताव किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :  

कांग्रेस ने ‘अनुशासनहीनता’ के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाने और केरल इकाई के वरिष्ठ नेता केवी थॉमस को प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति एवं कार्यकारी समिति से हटाने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की अनुशंसा पर अपनी मुहर लगाई है। इससे पहले, सूत्रों ने जानकारी दी थी कि समिति ने अनुशंसा की है कि जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाए तथा दो साल के लिए निलंबित किया जाए। सूत्रों ने बताया कि समिति ने मेघालय के पांच विधायकों को निलंबित करने का फैसला हुआ है।

दिल्ली में अनुशासन समिति की बैठक के बाद तारिक अनवर ने कहा कि कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी सिफारिश सौंप दी है। इसमें सुनील जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन का सुझाव दिया गया है। इस बीच मीटिंग होने से पहले सुनील जाखड़ ने अपने तेवर दिखाते हुए एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, आज सर कलम होंगे उनके, जिनमें अभी ज़मीर बाकी है।’ उन्होंने अपने ट्वीट में इस एक पंक्ति के अलावा कुछ नहीं लिखा था, लेकिन इशारा साफ था कि वह अनुशासन समिति की मीटिंग के बारे में बात कर रहे हैं। अनवर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समिति ने एकमत से जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन की सिफारिश की है। 

जाखड़ को पूर्व CM चरणजीत चन्नी के संबंध में दिए बयान पर नोटिस दिया गया है। जाखड़ ने इस नोटिस का अब तक कोई जवाब नहीं दिया। यही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए संदेश दिया कि वह हाईकमान के आगे नहीं झुकेंगे। हालांकि, जाखड़ पर कार्रवाई से कांग्रेस में अंदरूनी कलह तेज हो सकती है। उनके जैसे नवजोत सिद्धू समेत कई नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं।

सुनील जाखड़ पर आरोप लगे कि उन्होंने पूर्व CM चरणजीत चन्नी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बारे में पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने उनकी शिकायत की थी। वहीं जाखड़ इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस हाईकमान को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। इसकी जगह उन्हें सीधे नोटिस जारी कर दिया गया। जाखड़ का तर्क है कि वह पार्टी के हर अच्छे-बुरे वक्त में साथ रहे। उन्होंने कभी हाईकमान के खिलाफ बयानबाजी नहीं की।

सुनील जाखड़ पर ऐक्शन होने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी के और बढ़ने की आशंका भी है। दरअसल पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई सीनियर नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी और समर्थन जताया था। नवजोत सिंह सिद्धू भी सीधे हाईकमान के फैसलों पर कई बार सवाल उठा चुके हैं। माना जा रहा है कि जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन होने पर एक धड़ा सीधी बगावत पर उतर सकता है। कांग्रेस के सचिव रमिंदर आवला ने भी सुनील जाखड़ का समर्थन किया है। इसीलिए पंजाब कांग्रेस के पुराने नेता सुनील जाखड़ पर ऐक्शन होने से गुटबाजी के और तेज होने से इनकार नहीं किया जा सकता।