सुनील जाखड़ नहीं देंगे कारण बताओ नोटिस का जवाब, पंजाब कांग्रेस में अभी और बढ़ेगा अंतरकलह
काँग्रेस में दूसरी तरफ केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद थॉमस ने कहा था वह इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात करने के बाद उन्होंने माकपा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, लेकिन जब पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकियां मिलने लगीं, तो उन्होंने शामिल होने का फैसला किया। थॉमस ने यह भी कहा था ‘‘मैं कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा. मैं मरते दम तक कांग्रेसी रहूंगा।”
नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :
कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति अगले कुछ दिनों के भीतर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में निर्णय कर सकती है क्योंकि अनुशासनहीनता के आरोपों पर उनकी ओर से तय अवधि के भीतर कोई जवाब नहीं आया है। समिति ने अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को गत 11 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। समिति के सदस्य सचिव और कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर के अनुसार, थॉमस का जवाब मिल गया है लेकिन जाखड़ की तरफ से मंगलवार तक कोई जवाब नहीं आया।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर पार्टी कार्रवाई के मूड में दिख रही है। इसके अलावा जाखड़ भी आर-पार के मूड में हैं और उन्होंने पार्टी को ऐक्शन लेने की चुनौती दी है। पिछले दिनों सुनील जाखड़ के पार्टी नेताओं के खिलाफ दिए गए बयानों पर कांग्रेस ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके लिए मंगलवार तक का समय दिया गया था, लेकिन इस पर अब तक जवाब नहीं मिला है। अब कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति उनके खिलाफ ऐक्शन ले सकती है।
जवाब न देने को लेकर भी सुनील जाखड़ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है और समिति को जो फैसला करना है, वो कर ले। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने ऐसे संकेत दिए हैं कि जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। जाखड़ ने कहा, ‘यह सच है कि मैंने (नोटिस का) जवाब नहीं दिया है।’
समिति की ओर से कार्रवाई का संकेत दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह उनका अधिकार है, वो करें। मुझे नहीं पता कि वो क्या करेंगे। उन्होंने नोटिस दिया है। जो फैसला करना है, वो कर लें।’ अपने खिलाफ लगे अनुशासनहीनता के आरोपों पर जाखड़ ने कहा, ‘मैं इसका संज्ञान भी नहीं लेना चाहता।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हुए सिर्फ यह कहा, ‘पिछले सात महीने से ऐसी खबरें प्रसारित हो रही हैं।’
समिति के सदस्य सचिव और कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर के अनुसार, थॉमस का जवाब मिल गया है, लेकिन जाखड़ की तरफ से मंगलवार तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होने कहा, ‘एक सप्ताह का समय दिया गया था। उनका (जाखड़) जवाब नहीं आया है। एक-दो दिन में समिति की बैठक होगी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या जाखड़ का निलंबन या फिर निष्कासन भी हो सकता है, अनवर ने कहा, ‘कांग्रेस के संविधान के तहत कार्रवाई होगी। इसमें निलंबन या निष्कासन भी हो सकता है। लेकिन अंतिम निर्णय समिति की बैठक में होगा।’
सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने का आरोप है। कांग्रेस नेता उदित राज ने पिछले दिनों खुलकर यह मांग की थी कि जाखड़ को पार्टी से निष्कासित किया जाए। दूसरी तरफ केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद थॉमस ने कहा था वह इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से बात करने के बाद उन्होंने माकपा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, लेकिन जब पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकियां मिलने लगीं, तो उन्होंने शामिल होने का फैसला किया। थॉमस ने यह भी कहा था, ‘मैं कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा। मैं मरते दम तक कांग्रेसजन रहूंगा।’