पंचांग 19 अप्रैल 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज अंगारकी श्रीणेश चतुर्थी व्रत है। विनायक श्री गणेश चतुर्थी आज यानी 19 अप्रैल 2022, मंगलवार को है। यूं तो विनायक चतुर्थी व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। लेकिन नवरात्रि के दौरान पड़ने वाले चतुर्थी व्रत का महत्व और बढ़ रहा है। खास बात यह है कि मंगलवार के दिन विनायक चतुर्थी पड़ रही है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी के नाम से जानते हैं। मान्यता है कि आज के दिन भगवान श्रीगणेश की विधिवत पूजा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी का घर पर आगमन होता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः वैशाख़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः तृतीया, सांय 04.39 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः अनुराधा रात्रि 25.39 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
योगः व्यातिपात सांय काल 05.01 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मेष, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक
सूर्योदयः 05.56, सूर्यास्तः 06.45 बजे।