पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन का गाय माता की सेवा करते दिखाना अपना प्रचार करना नही लोगों को प्रेरणा देना है

गौशाला में खिलाए जा रहे तरबूजों को पहले प्राकृतिक तरीके से ठंडा किया जाता है। उसके बाद गायों को खिलाया जाता है।
  • मुझे संतों महात्माओं से मिली गो सेवा की प्रेरणा, -चन्द्रमोहन
  • गौ रक्षा हमारा परम धर्म -चन्द्रमोहन

पंचकुला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :


भाई चन्द्रमोहन  ने बताया कि दिनभर भीषण गर्मी के साथ ही बाहर से तरबूज आने से यह गर्म रहते हैं। इन तरबूजों को रात भर चारा भिगोकर उसके बीच में रख देते है। जिससे सुबह तक यह तरबूज ठंडे हो जाते हैं। फिर एक साथ सब लोग बैठकर इन तरबूजों को काटकर गायों के चारे के लिए बने ठान में डालकर गायों को खिलाते हैं। गौभक्त , भाई चन्द्रमोहन ने कहा जानकारों का कहना है कि तरबूज के खाने से गायों के शरीर में पानी की मात्रा भी बराबर रहेगी।  गर्मी में चलने वाली लू के कारण अक्सर गाय  बीमारी हो जाते हैं।  तरबूज का सेवन इस लू के खतरे से भी बचाता है. इसमें मौजूद इलेक्ट्रलाइट्स शरीर को बाहरी गर्मी से लड़ने में मदद करते हैं।

कहा जाता है कि जो व्यक्ति, गाय माता की सेवा और सब प्रकार से उनका अनुगमन करता है उस पर संतुष्ट होकर गायमाता उसे अत्यन्त दुर्लभ वर प्रदान करती हैं।  पंडित विनोद मिश्र के अनुसार यदि कोई व्यक्त‍ि किसी वजह से तीर्थ पर नहीं जा पा रहा है तो वह गाय की सेवा करे।  गाय की सेवा से तीर्थ करने के बराबर पुण्य मिलता है।


गौ पूजन से दूर होगा पितृदोष, नहीं होगी आर्थ‍िक तंगी

आपने गोधूलि बेला के बारे में सुना होगा. जी हां यह एक योग होता है।  यह योग दरअसल गाय से संबंधित है।  पंडित विनोद मिश्र की मानें तो यदि किसी के विवाह के लिए उत्तम मुहूर्त नहीं मिल रहा है या फिर भविष्य में किसी के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने के संकेत हैं और उन्हें दूर करना चाहते हैं तो गोधूलि योग में वर-वधु का विवाह करने से ये सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।  शायद यही वजह है कि ज्यादातर विवाह इसी समय में सम्पन्न किए जाते हैं।


जीवन की समस्त परेशानियों से छुटकारा पाना है तो आजमाएं गौमाता के ये 10 उपाय…

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार गाय (गौ) हमारी माता है और उसकी महिमा बड़ी निराली है। गौ माता महिमामयी और सभी प्रकार से पूज्य है। गौ माता की रक्षा करना हर मनुष्‍य का परम कर्तव्य है।

गौमाता की सेवा से बढ़कर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है। पुराणों में कहा गया है कि जो मनुष्य गौ माता के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और उसे सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि जो मुझे महान संतों ओर महात्माओं से गाय माता के बारे जो प्रेरणा मिली वो में आप लोगों को बता रहा हुँ कि गौ माता के बारे  10 शुभ और पवित्र बातें जिन्हें जीवन में अपनाकर आप अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं

  • प्रतिदिन गौ माता के नेत्र के दर्शन करें, जीवन में लाभ ही लाभ होगा।
  • यदि रास्ते में जाते समय गौ माता आती हुई दिखाई दें तो उन्हें अपने दाहिने से जाने दें, तो निश्‍चित ही आपकी यात्रा सफल होगी।
  • यदि यात्रा की शुरुआत करते समय गौ माता सामने से आती हुई दिखाई दें या बछड़े को दूध पिलाती हुई दिख जाए तो यात्रा सफल एवं संपन्न होती है।
  • यदि आपको भी हमेशा बुरे स्वप्न दिखाई देते हैं तो गौ माता का नाम ले, कुछ ही दिनों में बुरे स्वप्न दिखने बंद हो जाएंगे।
  • गौ माता के दूध से बने घी का एक अन्य नाम ‘आयु’ भी है, इसीलिए उसे ‘आयुर्वै घृतम्’ कहा जाता है। अत: गौ माता के दूध एवं घी का उपयोग करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है।
  • हस्त रेखा में आयु (उम्र की) रेखा टूटी हुई हो तो गौ माता का पूजन करें तथा गाय का घी सेवन करने के साथ-साथ अन्य कामों में भी लें।
  • जिस घर में गौ पालन किया जाता है, वहां का वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
  • यदि पितृ दोष के कारण आपका संघर्षमयी जीवन हो तो गौ माता को प्रतिदिन रोटी, गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं। अगर प्रतिदिन ना खिला सके तो सिर्फ हर अमावस्या के दिन खिलाने से भी पितृ दोष समाप्त होता है।

शास्त्रों में गाय के दान को बहुत ही महत्व दिया गया है लेकिन ऐसी गाय का दान कभी नहीं करना चाहिए, जो बूढ़ी और बीमार हो। कठोपनिषद में नचिकेता की कथा भी इसी संदर्भ में है, जिसमें नचिकेता ने पिता द्वारा बूढ़ी गाय को दान करने पर आपत्ति जताई थी। दूध देने वाली और बछड़े सहित जो लोग गाय का दान करते हैं वह महान पुण्य को प्राप्त करके स्वर्ग में स्थान पाते हैं।

ज्योतिष में गोधू‍लि का समय शुभ विवाह के लिए सर्वोत्तम माना गया है। अत: विवाह के समय इस बात का ध्यान रखकर ही शुभ मांगलिक कार्य किए जाए तो जीवन में कभी भी दुखों से सामना नहीं होगा।

जो लोग पानी पी रही गाय को भगाते हैं, वह घोर पाप के भागी बनकर नरक भोगते हैं ऐसा पुराणों में बताया गया है। जबकि जो लोग गाय के लिए प्याऊ और चारागाह बनवाते हैं वह महाभाग्यवान होते हैं। ऐसे लोग घोर पाप से मुक्त होकर स्वर्ग पा जाते हैं और बड़े ही धनवान कुल में जन्म लेकर सुख पाते है

गौ माता हमारी परम मित्र हैं हम सभी संकल्प करें उनकी रक्षा का, उनसे मित्रवत वर्ताव करें| गौ से प्रेम ही देश प्रेम है, अपनी संस्कृति और संस्कारों से प्रेम है| गौ रक्षा हमारा परम धर्म है| गौ रक्षा ही देश रक्षा है, गौ माता का सम्मान करना भारत माता का सम्मान होगा