Panchang

पंचांग, 14 अप्रैल 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज वैशाख, संक्रांति तथा प्रदोष व्रत और वैशाखी पर्व (पंजाब), अनंगत्रयोदशी व्रत तथा श्रीमहावीर-जयंती (जैन) है।

बैसाखी 2022: बैसाखी के त्योहार को खुशहाली और समृद्धि का पर्व माना जाता है। हर साल ये पर्व अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस दिन को हमारे सौर नव वर्ष की शुरुआत के रूप में भी जाना जाता है। ये पावन त्योहार भारतीय किसानों का माना जाता है। पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कुछ स्थानों पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कटकर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं। साथ ही इस खुशी के मौके पर लोग भांगड़ा नृत्य भी करते हैं। बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहा जाता है।

प्रदोष व्रत : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 अप्रैल दिन गुरुवार को है, इसलिए यह गुरु प्रदोष व्रत है। गुरु प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा की जाती है। भगवान भोलेनाथ के प्रसन्न होने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। धन, धान्य, सुख, समृद्धि के साथ उत्तम स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। इस दिन तो लोग सुबह से ही पूजा करते हैं, लेकिन प्रदोष काल में पूजा करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः चैत्ऱ, पक्षः शुक्ल, 

तिथिः त्रयोदशी  27.56 तक है, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी प्रातः तक 09.56 तक है।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

योगः वृद्धि प्रातः काल 09.51 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः मेष,  चंद्र राशिः सिंह, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.01,  सूर्यास्तः 06.42 बजे।