गुजरात राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि ‘मैं पार्टी छोड़ दूं’ : हार्दिक पटेल

गुजरात का चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए कई मायनों में खास है। पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव है और ऐसे वक्त में चुनाव से पहले पार्टी के विधायक टूटते हैं तो इसका बुरा असर पड़ेगा। संयम लोढ़ा ने जो आशंका जताई है उसको लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा है। पिछले गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन जीत बीजेपी की हुई। गुजरात कांग्रेस में फूट उस वक्त भी हुई जब 2020 में राज्यसभा चुनाव से पहले 8 कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफे दे दिए। यह सभी बीजेपी में शामिल हो गए थे। कुछ दिन पहले पार्टी के कुछ पूर्व विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए। दिसंबर 2017 के चुनाव में 182 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के सदस्यों की संख्या कम होकर 65 रह गयी है। गुजरात में इस बार कांग्रेस को बीजेपी से मुकाबला करना ही है साथ ही आम आदमी पार्टी का भी मुकाबला करना है। पंजाब में शानदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी का उत्साह काफी बढ़ा हुआ है और अभी से ही गुजरात को लेकर तमाम दावे पार्टी की ओर से किए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी बीजेपी के सामने खुद को एक विकल्प के रूप में पेश कर रही है। कांग्रेस के लिए गुजरात में इस बार डबल चुनौती है ऐसा कहा जाए तो यह बात गलत नहीं है।

  • गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस में टूट की आशंका
  • पांच राज्यों में हार के बाद पार्टी में जारी है कलह
  • जी-23 शीर्ष नेतृत्व को लेकर खड़े कर रहा सवाल

सारिका तिवारी, गुजरात, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

गुजरात का चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए कई मायनों में खास है। पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव है और ऐसे वक्त में चुनाव से पहले पार्टी के विधायक टूटते हैं तो इसका बुरा असर पड़ेगा। संयम लोढ़ा ने जो आशंका जताई है उसको लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा है। पिछले गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन जीत बीजेपी की हुई।

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले कांग्रेस मजबूत होने की बजाय बिखरने की राह पर बढ़ती दिख रही है। पार्टी की स्टेट यूनिट के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस के ही नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं। हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है और राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि ‘मैं पार्टी छोड़ दूं।’ उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी इस स्थिति के बारे में कई बार अवगत कराया गया, लेकिन दुख की बात है कि कोई निर्णय नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन दशक से गुजरात में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो इसके लिए गुटबाजी और स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दूसरे दलों के साथ ‘गुप्त गठबंधन’ जिम्मेदार है। 

पटेल ने यह दावा भी किया, ‘2017 में इतना बड़ा माहौल था, लेकिन गलत टिकट बंटने की वजह से सरकार नहीं बन सकी।’ हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ खुलकर बगावत की है। राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस 27 वर्षों से गुजरात की सत्ता से बाहर है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे पटेल ने कहा, ‘हमने एक बड़ा आंदोलन खड़ा करके कांग्रेस को फायदा दिलाया था। हमें यह लगा था कि जब हमारी ताकत और कांग्रेस की ताकत मिलेगी तो हम प्रदेश को एक नयी स्थिति में लाकर खड़ा करेंगे। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने ही हमारी ताकत को कमजोर किया।’ 

उनका कहना है, ‘मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया, लेकिन मेरे पास कोई काम नहीं है। मुझे किसी अहम बैठक में नहीं बुलाया जाता, किसी निर्णय में भागीदार नहीं बनाया जाता। सवाल यह है कि कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष क्या होता है? कुछ तो जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, लेकिन तीन साल हो गए, कोई काम नहीं दिया गया।’ पटेल ने कहा, ”मेरी यह नाराजगी कहीं जाने के लिए नहीं है। मैं यह कहना चाहता हूं कि कुछ अच्छा तो करो। पार्टी की बहुत खराब स्थिति है, जो मजबूती से लड़ने वाले लोग हैं, उन्हें मौका तो दो। जो कुछ नहीं करना चाहते हैं, उन्हीं लोगों पर सब कुछ टिका हुआ है। लगभग 30 साल से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो इन लोगों की गलती तो मानो।’ 

पाटीदार समुदाय के चर्चित चेहरे नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा, ‘कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि उनसे बातचीत हुई है या नहीं। इतने दिनों से खबरें आ रही हैं, लेकिन कुछ बोला नहीं जा रहा है।’ उन्होंने पार्टी पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘2017 में आपने हार्दिक का उपयोग किया, 2022 में आप नरेश भाई का उपयोग करोगे और 2027 में क्या कोई नया पटेल ढूंढोगे? आपके पास हार्दिक है, तो उसे मजबूत क्यों नहीं करते? नरेश भाई को लेना चाहिए, लेकिन उनका कहीं मेरे जैसा हाल तो नहीं होगा?’ 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस छोड़ने पर विचार कर रहे हैं तो 28 वर्षीय पटेल ने कहा, ‘मैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाना चाहता। लेकिन गुजरात कांग्रेस में जो मजबूत नेता होते हैं, उनको परेशान किया जाता है ताकि वो पार्टी छोड़कर चले जाएं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘प्रदेश कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं भी पार्टी छोड़ दूं।‘ पटेल ने कहा, ‘मुझे इतना परेशान किया जा रहा है कि दिल भर आता है।’ उन्होंने सवाल किया, ‘साल 2017 में कांग्रेस के 80 विधायक थे, आज 65 बचे हैं। एक-दो विधायक जाते हैं तो यह मान लेते कि भाजपा ने खरीद लिए होंगे, लेकिन इतने विधायक चले गए तो हम अपनी गलती क्यों नहीं मानते?’ 

उन्होंने कहा, ‘अल्पेश ठाकोर चला गया तो हमने यह क्यों कहा कि वह स्वार्थी था? सच्चाई यह है कि उसे परेशान किया गया था, इसलिए चला गया।’ पटेल ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व पूरी तरह से बेकार काम कर रहा है। सबको परेशान किया जा रहा है, गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘सारी स्थिति के बारे में राहुल जी को कई बार बताया, लेकिन कोई निर्णय नहीं होता है। इसलिए मुझे ज्यादा दुख होता है।’ युवा पाटीदार नेता ने यह आरोप भी लगाया, ‘मेरे बारे में कांग्रेस के लोग ही अफवाह फैलाते हैं कि मैं पार्टी छोड़ने वाला हूं। एक साल पहले अफवाह फैलाई गई कि मैं आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहा हूं। यह सब मुझे कमजोर करने के लिए किया जाता है।’