पंचांग, 13 अप्रैल 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज श्रीविष्णु-दमनोत्सव, तथा गंडमूल 9.37 तक है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः चैत्ऱ,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी 28.50 तक है,
वारः बुधवार,
नक्षत्रः मघा प्रातः तक 09.37 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
योगः अतिगण्ड प्रातः काल 11.14 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः सिंह,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.02, सूर्यास्तः 06.42 बजे।