परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज का भव्य भक्ति सत्संग 15 से 17 अप्रैल तक।

अजय कुमार, पंचकूला, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 8 अप्रैल

आज यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की गई कि 16 व 17 अप्रैल को सुबह 9 से 11 बजे तक ध्यान साधना होगी, जबकि 15 से 17 अप्रैल को शाम 5 से 7 बजे तक सत्संग होगा।सुधांशु जी महाराज एक प्रसिद्ध उपदेशक और विश्व जागृति मिशन के संस्थापक हैं। दुनिया भर में उनके 1 करोड़ से अधिक भक्त हैं और 25 लाख से अधिक शिष्य हैं। जैसा कि महाराज श्री ने भी अनुभव किया है, केवल सच्चे गुरु ही व्यक्ति को आत्मज्ञान के मार्ग पर ले जाते है, ताकि संदेह, अहंकार और अज्ञान रूपी बाधाएं दूर हों और ज्ञान के प्रकाश से भविष्य रोशन हो सके।गुरु अपने शिष्य के जीवन में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हैं, कभी वह पिता के रूप में होते हैं, कभी मित्र रूप में, कभी दार्शनिक, कभी मार्गदर्शक और कभी एक सख्त टीचर के रूप में। लेकिन एक शिक्षक के इन विविध पहलुओं में अंतिम लक्ष्य एक ही है – “शिष्य को सत्य के मार्ग से भटकने नहीं देना और उसे अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना।” यह एक गुरु द्वारा अपने शिष्य को सबसे बड़ा उपहार है।गुरुदेव महाराज कहते हैं कि गुरु शिष्य को सबसे पहले विनम्र बनाता है; उसे समाज की सेवा करने के लिए उचित दिशा देता है; और सब के कल्याण के लिए योग्य बनाता है।विश्व जागृति मिशन (चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली मंडल) के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने कहा कि महोत्सव के लिए पूरे उत्तर भारत से श्रद्धालु पंचकूला पहुंचेंगे, इनमें से अधिकतम संख्या हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से होगी। नाश्ते और दोनों समय लंगर की व्यवस्था भी की जा रही है।उपाध्यक्ष नरिंदर कुमार अरोड़ा  ने कहा कि आश्रम परिसर में ठहरने के अलावा, आसपास की धर्मशालाओं, मंदिरों और गुरुद्वारों में भी ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। इस अवसर पर श्रीमती सुदेश गुप्ता अध्यक्ष और इंद्रजीत जसरा वित्त प्रभारी भी मौजूद रहीं।विश्व जागृति मिशन की ट्राईसिटी शाखा के उपाध्यक्ष योगराज मुंजाल ने कहा कि सत्संग अवधि में लोगों की सुविधा के लिए माजरी चौक, पंचकूला से मोरनी रोड स्थित शिवधाम आश्रम तक थोड़े-थोड़ समय बाद मिनी बसें चलेंगी।कोरोना महामारी के बाद पहली बार इस सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में कुछ बड़े नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है।