पंचांग 7 अप्रैल 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज स्कन्द षष्ठी व्रत है। स्कन्द षष्ठी दक्षिणी भारत में मनाये जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय की आरधना की जाती है। भगवान स्कन्द को मुरुगन,कार्तिकेयन, सुब्रमण्या के नाम से भी जाना जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः चैत्ऱ,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः षष्ठी रात्रि 08.33 तक है,
वारः गुरूवार।
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मृगशिरा रात्रि 10.41 तक है,
योगः सौभाग्य प्रातः काल 09.31, तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः वृष,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.08, सूर्यास्तः 06.38 बजे।