गोवा में कॉंग्रेस को बड़ा झटका, दिगंबर कामत भाजपा  में शामिल हो सकते हैं

गोवा में कांग्रेस 10 साल से सत्ता में नहीं है। जबकि कामत तीन साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। उन्हें गोवा में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे की सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। 2005 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और 2007 में वे सीएम बने। कामत पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं। 2007 से 2012 के बीच, जब वह सीएम थे, तब जस्टिस एमबी शाह आयोग ने उन पर 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले का आरोप लगाया था। 2014 में भी उनसे इस संबंध में पूछताछ की गई थी।

पणजी/नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट – 06 अप्रैल :

गोवा  में कांग्रेस  के बड़े नेता दिगंबर कामत भाजपा  ज्वॉइन कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है। दिगंबर कामत ने ही साल 2000 की शुरुआत में गोवा में मनोहर पर्रिकर की सरकार को उखाड़ फेंका था और राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री बने थे। दिगंबर कामत फिलहाल राज्य में कांग्रेस के विधायक हैं।  दिगंबर कामत, कांग्रेस और भाजपा  दोनों ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। विज्ञान में स्नातक दिगंबर कामत गोवा के बेहद कुशल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। वैसे दिंगबर कामत पेशे से बिजनेसमैन और रियल एस्टेट डेवलपर रहे हैं.। उनके परिवार में पत्नी आशा कामत और दो बच्चे हैं।

सात बार के विधायक, कामत 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में सीएम पद के लिए कांग्रेस में सबसे आगे थे। 68 वर्षीय ने अपने गढ़ मडगांव से चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की।

2017 में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद, कांग्रेस ने इस साल के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया। पिछली बार सरकार बनाने के लिए ग्रैंड ओल्ड पार्टी को पछाड़ने वाली भाजपा ने 40 सदस्यीय सदन में 28 सीटों के साथ लगातार तीसरी बार सत्ता सुनिश्चित की।

दिगंबर कामत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। 1994 में जब कांग्रेस ने दिगंबर कामत को चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया, तो वह पार्टी की सदस्यता त्याग बीजेपी से जुड़ गए। एक लंबे समय के बाद 2005 में दिगंबर कामत कांग्रेस में पुन: शामिल हुए और सर्वसम्मति से विधानसभा के नेता चुने गए। 2007 के विधासभा चुनाव में जब कांग्रेस को जीत हासिल हुई, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप राणे और राज्य के कांग्रेस मुखिया रवि नाइक के बीच हुए समझौते के बाद दिगंबर कामत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वहीं साल 2019 में जब भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही तो दिगंबर कामत गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।

वर्तमान में, भाजपा के पास 20 विधायक हैं और 21 के बहुमत के लिए सिर्फ एक की जरूरत है। अब तक एमजीपी और तीन निर्दलीय ने समर्थन दिया है।