नगर निगम पंचकूला में कोरोना से मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के नाम पर हुआ करोड़ों का घोटाला डीएमसी ने शिकायतकर्ता पर ही करवाया मुकदमा दर्ज

सारिका तिवारी/अशोक वर्मा, पंचकुला, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 05 अप्रैल :

  •  शिकायतकर्ता ने प्रकरण की जांच  बारे गृहमंत्री को की शिकायत

                      पंचकूला नगर निगम पंचकूला में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, पहले ही राकेश अग्रवाल ने शहर में बने राउंड अबाउट व बस  स्टॉपों  में हुए घोटालों की जांच की मांग की थी, जांच तो हरियाणा स्टेट विजिलेंस मैं हो चुकी है, लेकिन ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जिस शिकायतकर्ता ने करोना में मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के नाम पर लगभग एक करोड़ का घोटाला करने व जांच रिपोर्ट में बनाए गए सभी अभियुक्तों पर कार्रवाई करने की मांग की। अब डीएमसी द्वारा शिकायतकर्ता पर ही झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया।

            जानकारी देते हुए देवराज शर्मा ने बताया कि इस प्रकरण की शिकायत माननीय गृहमंत्री अनिल बिज को भेजकर पंचकूला नगर निगम के डीएमसी व कई अधिकारियों द्वारा कोरोना काल मैं मरने वाले लोगों के दाह संस्कार पर मिलने वाली सहायता के नाम पर करीब 10000000 रुपए अपने चहेते लोगों के नाम पर भिजवा कर सरकारी पैसे का गबन किया गया है। 

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            देवराज शर्मा ने बताया कि इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर द्वारा जांच नगर निगम के ही ज्वाइंट कमिश्नर विनेश कुमार एचसीएस द्वारा करवाई गई जांच रिपोर्ट में शिकायत मुताबिक घोटाला साबित हुआ।  सरकारी पैसे के गबन करने में 6 मुख्य अभियुक्त बनाए गए जिनसे रिकवरी करने व घोटाला करने सरकारी पैसे के गबन करने वाले मामला पुलिस में दर्ज करवाने को लिखा गया।  

            इस मामले में डीएमसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई साथ ही शिकायतकर्ता पर ही झूठे आरोप लगाकर डीएमसी द्वारा मुकदमा ऍफ़ आई आर नंबर 141 दिनांक 2- 4- 2022 पुलिस स्टेशन सेक्टर 14 में करवा दी गई।  उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को परेशान करने के लिए धारा 353 लगा दी गई सभी ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड के मुताबिक वह मौके पर कोई ऐसी घटना नहीं हुई जिसमें किसी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी के काम में बाधा डाली गई हो तथा नगर निगम आयुक्त ने अभियुक्तों को रिकवरी लेटर भी जारी कर दिया परंतु पैसा किसी से वापस नहीं लिया गया।  इसके विपरित सरकारी पैसे को खाने के लिए निगम के डीएमसी द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा रिकवरी पर स्टे लेने के लिए स्थानीय कोर्ट में केस भी लगवा दिया ताकि कोई रिकवरी ना हो।  

            उन्होंने शिकायत में हरियाणा सरकार में भी सबसे ऊंचे पद पर सबसे इमानदार जाने वाले मंत्री से गुहार लगाई है कि इस प्रकरण की जांच किसी रिटायर जज व स्टेट विजिलेंस में करवाई जाए ताकि झूठा व बेबुनियाद मुकदमा जल्द से जल्द रद्द करवाया जाए और इस प्रकरण में पाए जाने वाले अभियुक्तों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए जोकि दाह संस्कार के नाम पर हरियाणा सरकार द्वारा मुफ्त दी गई लगभग 4000 क्विंटल लकड़ी बेचकर उसके पैसे का भी गमन हुआ है।