मीडिया के माध्यम से मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया : उदय कृष्ण

सारिका तिवारी, डेमोक्रैटिक फ्रंट , पंचकूला :

रिश्वत ना मिलने पर तहसीलदार ने निगम के अधिकारियों से मिलकर जमीन के तकसीमी इंतकाल रोकने के लिए मीडिया में खबर छपवाकर मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
मनीमाजरा उदय कृष्ण ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 मे उन्होंने गांव मांकया गांव में जमीन खरीदी थी।

उन्होंने बताया कि 1996 में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय आदेश अनुसार तत्कालीन उपायुक्त ने शामलात भूमि के हिस्से निकलवा कर इस शर्त पर सभी हिस्सदारों के नाम कर दी थी कि कोई भी हिस्सेदार इस जमीन को आगे बेच नहीं सकता।

इस आदेश के खिलाफ ग्राम वासियों ने अंबाला मंडल के आयुक्त से गुहार लगाई । मंडलायुक्त ने पंचकूला के उपायुक्त के आदेशों को रद्द कर दिया। वर्ष 1997 में टी वी आर एल के दायरे में आई उसके मुआवजे की रकम सभी हिस्सदारों को देने के लिए राजस्व अधिकारी को आदेश जारी किए गए, इसके अनुसार मुआवजा राशि अदा की गई। अधिकृत भूमि से बची हुई जमीन सम्बन्धित लोगों के नाम कर दी गई।

वर्ष 2006 में उदय कृष्ण और अन्यों के नाम आ गई और उसकी मंजूरी करवा दी गई ।

कुछ वासियों ने इस मंजूरी उप मंडल अधिकारी की अदालत में चुनौती दी जिस पर इसे खारिज करने के आदेश पारित किए गए, परंतु कुछ ही महीनों बाद मण्डलुपयुक्त ने पंचकूला के तहसीलदार को दोनों पक्षों की पुनः सुनवाई करने की हिदायत दी जिसके बाद इसके बाद उदय कृष्ण और अन्य लोगों के पक्ष में फैसला आया।

वर्ष 2010 में क्या गांव नगर निगम के दायरे में आया तो जमीन मालिकों ने प्रार्थना पत्र दिया कि इस जमीन का ब्यौरा रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए इसके साथ एक शपथ पत्र भी दिया जिसके अनुसार इस ज़मीन पर कोई भी मामला किसी भी न्यायालय में विचाराधीन या लंबित नहीं है।

कृष्ण ने आरोप लगाया कि सम्बन्धित तहसीलदार रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए उनसे भारी रकम माँग रहा है।
संबंध में उदय कृष्ण ने जिला अधिकारियों को भी शिकायत दी है।