भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ को लेकर पंजाब सरकार के प्रस्ताव पर जताई आपत्ति

  • प्रस्ताव के खिलाफ दिल्ली आवास पर सोमवार कोबुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठककहा- चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी
  • फौरन सर्वदलीय बैठक बुलाए हरियाणा सरकार, प्रदेश के हकों की मजबूती से करे पैरवी- हुड्डा
  • सभी दलों को एकजुट होकर पंजाब सरकार के प्रस्ताव का करना चाहिए विरोध- हुड्डा
  • प्रदेश सरकार एसवाईएल को लेकर प्रधानमंत्री से मांगे समय, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल करे मुलाकात- हुड्डा


1 अप्रैल, चंडीगढ़ः 

पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने इस प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। हुड्डा का कहना है कि पंजाब सरकार बेवजह दोनों राज्यों के भाईचारे में दरार डालना चाहती हैं। चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी। शाह कमीशन ने  भी कहा था कि चंडीगढ़ पर पहला हक हरियाणा का है अगर पंजाब सरकार राज्यों के मसलों पर बात करने की इच्छुक है तो उसे सबसे पहले एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करना चाहिए। साथ ही हिंदी भाषी क्षेत्रों समेत तमाम मसलों पर बात करनी चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार को भी नसीहत दी कि वह प्रदेश के हकों की पैरवी पुरजोर तरीके से करे। विपक्ष द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बाद भी अब तक प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री से एसवाईएल के मुद्दे पर बात नहीं की है। हमारी मांग है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिले और एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमलीजामा पहनाए जाने की गुहार लगाए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को पंजाब विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव के खिलाफ बिना देरी किए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। इस मसले पर सभी दलों को एकजुट होकर प्रदेश के हकों के लिए आवाज उठानी चाहिए। सभी दलों को एकजुट होकर पंजाब सरकार के प्रस्ताव का विरोध करना चाहिए।